भोपाल: मध्य प्रदेश के मुरैना में रेल विभाग ने मंदिर में विराजमान भगवान बजरंगबली के नाम पर नोटिस भेजा था। रेलवे द्वारा भेजे गए नोटिस में बजरंगबली के अतिक्रमणकारी बताया गया था और उनसे सात के दिन के अंदर अतिक्रमण हटाने को कहा गया था। इतना ही नहीं नोटिस में रेलवे ने ये भी कहा था कि अगर उन्होंने निर्धारित समय के अंदर अतिक्रमण को खुद ही नहीं हटाया तो रेलवे की तरफ से कार्रवाई की जाएगी और इसमें आने वाले खर्चे को बजरंगबली से ही वसूला जाएगा।
मुरैना में रेल विभाग के इस कारनामे के बारे में जैसे ही लोगों को पता चला वैसे ही सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा होने लगी। जब आलोचना हुई तो रेलवे की नींद टूटी और विभाग को अपनी गलती का एहसास हुआ। अब रेल विभाग ने संशोधित नया नोटिस जारी किया है जिसमें बजरंगबली का नाम हटाकर मंदिर के पुजारी का नाम जोड़ा गया है।
क्या है पूरा मामला
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में रेलवे ट्रैक बिछाया जा रहा है। जिस रूट पर रेल लाइन बिछाई जा रही है उसके बीच में कुछ मकान और एक हनुमान जी का मंदिर भी अतिक्रमण की श्रेणी में आ रहा हैं। इसी अतिक्रमण को हटाने के लिए रेलवे ने 8 फरवरी को नोटिस जारी किया जिसमें बजरंगबली को ही अतिक्रमणकारी बता दिया गया।
रेलवे द्वारा भेजे गए नोटिस में लिखा था, "हनुमान जी ने रेलवे की भूमि पर मकान बनाकर अतिक्रमण कर लिया है इसलिए रेलवे द्वारा उन्हें 7 दिन का समय दिया जा रहा है।" रेलवे का यह नोटिस सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था। जिसके बाद विभाग की खूब किरकिरी हुई थी। जब सोशल मीडिया पर लोगों ने रेल मंत्रालय और रेल मंत्री को टैग कर नोटिस की बात करनी शुरू की तब विभाग ने आनन-फानन में सुधार की कार्रवाई की और नया नोटिस जारी किया।