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Rafale In India: एयर कमोडोर हिलाल अहमद राठेर, मिलिए कश्मीर के उस शख्स से जिसके बिना राफेल की कहानी अधूरी है

By विनीत कुमार | Updated: July 29, 2020 09:45 IST

राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप आज भारत पहुंच रही है। इस बीच एयर कोमोडोर हिलाल अहमद राठेर का नाम खूब चर्चा में है। फ्रांस से जब राफेल ने भारत के लिए उड़ान भरी तो हिलाल भी वहां मौजूद थे।

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ठळक मुद्देकश्मीर के अनंतनाग के रहने वाले हैं एयर कोमोडोर हिलाल अहमद राठेरहिलाल 1988 में एक फाइटर पायलट के तौर पर भारतीय वायुसेना में शामिल हुए थे

लड़ाकू विमान राफेल की पहली खेप आज भारत पहुंच रही है। इसके तहत 5 राफेल विमान भारत के अंबाला एयरबेस पर आज उतरने वाले हैं। इन सबके बीच एयर कोमोडोर हिलाल अहमद राठेर का नाम खूब चर्चा में है। हिलाल अहमद राठेर कश्मीर से हैं और फ्रांस से जब पांच राफेल विमानों ने दो दिन पहले भारत के लिए उड़ान भरी तो वे भी वहां मौजूद थे।

हिलाल फ्रांस में भारत के एयर अताशे हैं। हिलाल के साथ उस समय फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ और राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन के चेयरमैन एरिक ट्रैपियर भी राफेल की भारत रवानगी के दौरान वहां मौजूद थे। 

हालांकि, इन सबके बीच हिलाल की चर्चा सबसे ज्यादा है जिन्होंने समय पर राफेल की फ्रांस से भारत डिलीवरी सुनिश्चित की। साथ ही इन्होंने भारत की जरूरतों के मुताबिक किन-किन हथियारों को लगाया जाना चाहिए, इसे भी तय करने में अहम भूमिका निभाई।

अनंतनाग से हैं हिलाल अहमद

एयर कोमोडोर हिलाल अहमद मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के हैं। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई नागरोता के सैनिक स्कूल से पूरी की है। इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज से किया। एनडीएन में वे 'सॉर्ड ऑफ ऑनर' हासिल कर चुके हैं।

भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट हिलाल फ्लाइट लेफ्टिनेंट से अब एयर कोमोडोर बने हैं। वे 1993 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट बने। इसके बाद वे साल 2004 में विंग कमांडर बने। साल 2016 में वे ग्रुप कैप्टन बनाए गए और फिर 2019 में एयर कोमोडोर बने। हिलाल के पिता मोहम्मद अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर पुलिस डिपार्टमेंट से बतौर डेप्युटी एसपी रिटायर हुए थे और अब इस दुनिया में नहीं हैं।

राफेल की शस्त्र पूजा के दौरान भी थे काफी एक्टिव

एयर कोमोडोर हिलाल अहमद पिछले साल फ्रांस में राफेल की शस्त्र पूजा के दौरान भी तैयारियों में मशगूल नजर आए थे। गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तब फ्रांस गए थे और राफेल की शस्त्र पूजा की थी।

बता दें कि वायुसेना प्रमुख आर.के.एस. भदौरिया रणनीतिक और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला एयरबेस पर बुधवार दोपहर पांच राफेल विमानों को प्राप्त कर उन्हें भारतीय वायुसेना में शामिल करेंगे। भारत ने 23 सितंबर 2016 को फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था। 

इन विमानों में तीन एक सीट वाले और दो विमान दो सीट वाले होंगे। इन विमानों को बुधवार दोपहर में भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन नम्बर 17 में शामिल किया जाएगा, जिसे 'गोल्डन एरोज' के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, इन विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल करने के लिए मध्य अगस्त के आसपास समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है। 

टॅग्स :राफेल फाइटर जेटराफेल सौदाफ़्रांसइंडियन एयर फोर्स
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