नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के बीच पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप को गुरुवार को अंबाला एयरबेस पर औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल किया गया। इस दौरान राफेल ने आसमान में करतब दिखाए। वहीं, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह विमान के वायुसेना में शामिल होने पर कहा कि राफेल का शामिल होना दुनिया के लिए और खासतौर पर भारत की संप्रभुता को चुनौती देने वालों के लिए एक मजबूत संदेश है।
उन्होंने कहा कि राफेल को दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ में से एक माना जाता है। इसकी सौदा भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। हमारी सीमा पर बन रहे माहौल को देखते हुए राफेल विमानों को शामिल किया जाना अहम है। बदलते समय के साथ हमें खुद को तैयार रखना होगा, राष्ट्रीय सुरक्षा प्रधानमंत्री मोदी के लिए बड़ी प्राथमिकता है।
रक्षामंत्री ने कहा कि भारत की जिम्मेदारी उसकी क्षेत्रीय सीमा तक सीमित नहीं है। हम हिंद-प्रशांत, हिंद महासागर क्षेत्र में शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं। हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में हमारी भूमिका लगातार बढ़ रही है। आतंकवाद से लड़ाई तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार के संबंध में भारत और फ्रांस के विचार समान हैं।
भारतीय वायु सेना के 17वें स्क्वाड्रन में राफेल विमानों को शामिल किए जाने के इस समारोह में पारंपरिक 'सर्व धर्म पूजा', पानी की बौछारों से विमानों को सलामी देने के साथ ही विमान द्वारा कई दिल थाम देने वाले करतब दिखाए गए। भारतीय वायु सेना ने एक ट्वीट कर इस नये विमान का अपने शस्त्रागार में स्वागत किया। फ्रांस की एरोस्पेस क्षेत्र की दिग्गज कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित बहु भूमिका वाले राफेल विमानों को हवाई श्रेष्ठता और सटीक निशानों के लिए जाना जाता है।
आपको बता दें, कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फ्रांस के उनके समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया और रक्षा सचिव अजय कुमार शिरकत की।
राफेल विमानों का निर्माण फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने किया है। 29 जुलाई को पहली खेप के तहत पांच राफेल विमान भारत लाए गए थे। भारत ने लगभग चार साल पहले फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था।