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PV Narasimha Rao BharatRatna: पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को ‘भारत रत्न’, जानिए सोनिया गांधी ने कहा...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 09, 2024 2:40 PM

PV Narasimha Rao BharatRatna: कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को ‘भारत रत्न’ दिए जाने की घोषणा का शुक्रवार को स्वागत किया।

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ठळक मुद्दे‘‘मैं इसका (घोषणा) स्वागत करती हूं। क्यों नहीं?’’चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "दिल जीत लिया।"किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।

PV Narasimha Rao BharatRatna: पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पी वी नरसिम्हा राव और मशहूर वैज्ञानिक व देश में हरित क्रांति के जनक डॉ एम एस स्वामीनाथन को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को खुद ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी। कांग्रेस  ने कहा कि पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह, एमएस स्वामीनाथन 'भारत के रत्न' थे, हैं और हमेशा रहेंगे। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को ‘भारत रत्न’ दिए जाने की घोषणा का शुक्रवार को स्वागत किया। इस बारे में पूछे जाने पर सोनिया गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इसका (घोषणा) स्वागत करती हूं। क्यों नहीं?’’

राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा करने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा 'दिल जीत लिया'। चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "दिल जीत लिया।"

चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिये जाने की घोषणा का मुद्दा उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी उठा, जहां समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने केंद्र सरकार के इस फैसले की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।

चौधरी चरण सिंह तीन अप्रैल 1967 से 25 फरवरी 1968 और 18 फरवरी, 1970 से एक अक्टूबर, 1970 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे।

हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।’’ प्रधानमंत्री के पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने लिखा, ‘‘दिल जीत लिया!’’ जयंत चौधरी, चरण सिंह के पोते हैं। चरण सिंह किसानों की आवाज बुलंद करने वाले प्रखर नेता माने जाते थे।

वह 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। इससे पहले वह देश के उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री और दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। चरण सिंह को भारत रत्न से नवाजे जाने की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब पिछले कुछ दिनों से ऐसी अटकलें थी कि रालोद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हो सकता है।

इस घोषणा के बाद चौधरी की जिस प्रकार की टिप्पणी सामने आई है, उससे यह लगभग स्पष्ट है कि अगले कुछ दिनों में रालोद, राजग में शामिल हो जाएगा। कुछ दिन पहले ही इसी प्रकार प्रधानमंत्री मोदी ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किए जाने की घोषणा की थी और इसके कुछ ही दिनों के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) ने राजग का दामन थाम लिया था।

हाल ही में सरकार ने देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को भी भारत रत्न से नवाजे जाने की घोषणा की थी। एक अन्य पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में नरसिम्हा राव ने विभिन्न पदों पर रहते हुए भारत की व्यापक सेवा की।

उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई वर्षों तक संसद सदस्य और विधान सभा सदस्य के रूप में किए गए कार्यों के लिए भी याद किया जाता है।’’ मोदी ने कहा कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने, देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव का कार्यकाल महत्वपूर्ण कदमों से भरा था, जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोला और इससे आर्थिक विकास के एक नए युग की शुरूआत हुई।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके अलावा, भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान एक नेता के रूप में उनकी बहुमुखी विरासत को रेखांकित करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘नरसिम्हा राव ने न केवल महत्वपूर्ण परिवर्तनों के माध्यम से भारत को दिशा दी बल्कि उसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को भी समृद्ध किया।’’ संयुक्त आंध्र प्रदेश में जन्मे नरसिम्हा राव वर्ष 1991 से 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य भाजपा नेता भी राव की उपेक्षा को लेकर कांग्रेस की लगातार आलोचना करते रहे हैं।

भाजपा अक्सर यह आरोप भी लगाती रही है कि राव नेहरू-गांधी परिवार से नहीं थे, इसलिए कांग्रेस ने उनकी लगातार उपेक्षा की। नेहरू-गांधी परिवार के बाहर से राव ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। प्रधानमंत्री बनने से पहले राव विदेश मंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री सहित कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे।

वे 1971 से 73 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। राव का जन्म 28 जून 1921 को करीमनगर में हुआ था जो अब तेलंगाना का हिस्सा है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक अन्य पोस्ट में एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से नवाजे जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि और किसान कल्याण में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित कर रही है।

मोदी ने कहा, ‘‘उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय में भारत के कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि के आधुनिकीकरण की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए।’’ उन्होंने कहा कि डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया बल्कि राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि को भी सुनिश्चित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें मैं करीब से जानता था और मैं हमेशा उनकी अंतर्दृष्टि को महत्व देता था।’’ उल्लेखनीय है कि 60 और 70 के दशक में उनके नेतृत्व में वैज्ञानिक शोध के जरिए देश में अनाज उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई थी। स्वामीनाथन का पिछले साल सितंबर महीने में चेन्नई में निधन हो गया था।

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