नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधन करते हुए सुप्रीम कोर्ट की जमकर तारीफ की। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा किये गये प्रमुख निर्णयों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने की पहल की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं कि अब उसके फैसलों का मुख्य हिस्सा देश की अलग-अलग मातृभाषाओं में उपलब्ध होगा। इस कदम से क्षेत्रीय भाषाओं का महत्व बढ़ रहा है।"
समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी के इस कथन पर स्वतंत्रता दिवस समारोह बतौर विशिष्ट अतिथियों की कतार में शामिल भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री का अभिवादन किया।
सुप्रीम कोर्ट ने बीते 26 जनवरी को अपने स्थापना दिवस और देश के गणतंत्र दिवस पर अपने लगभग 1,000 फैसले क्षेत्रीय भाषाओं में अपलोड किए। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, "26 जनवरी से अब तब 9,423 फैसलों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है, जिनमें से 8,977 फैसले अकेले हिंदी भाषा में हैं।"
इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "हमारा मुख्य लक्ष्य सुप्रीम कोर्ट के अस्तित्व में आने के बाद से कुल 35,000 महत्वपूर्ण निर्णय लेना है, जो सभी भाषाओं में देश की जनता के लिए सुलभ हों।"
जानकारी के अनुसार ये फैसले सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उड़िया, गुजराती, तमिल, असमिया, खासी, गारो, पंजाबी, नेपाली और बंगाली भाषा में उपलब्ध हैं। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा जल्द ही इस सूची में और अन्य भाषाएं भी जोड़ी जाएंगी।
सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि इस पहल का उद्देश्य न्यायपालिका को सीधे लोगों के दरवाजे तक ले जाना और इस सरलीकरण से उन्हें अपनी मातृभाषा में फैसले पढ़कर कानूनी प्रक्रिया को समझने में मदद करना है।
पीएम मोदी ने सुप्रीम कोर्ट का जिक्र तब किया जब कोर्ट ने क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान करने पर सरकार के फोकस पर प्रकाश डाला। लाल किले से पीएम मोदी के दिये संबोधन में सरकार का रिपोर्ट कार्ड और पिछले 10 वर्षों में उसकी उपलब्धियां भी शामिल रहीं।