Prayagraj Mahakumbh 2025 Mahashivratri: महाशिवरात्रि (26 फरवरी) पर अंतिम पवित्र स्नान के लिए तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ है। करोंड़ों लोग प्रयागराज महाकुंभ पहुंच रहे हैं। महाकुंभ मेला 2025 का समापन बुधवार को महा शिवरात्रि स्नान के साथ होगा। महाशिवरात्रि पर अंतिम पवित्र स्नान से पहले भीड़ बढ़ने के कारण राज्य सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। आज शाम 4 बजे से कुंभ मेला परिसर में वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। शाम 6 बजे से पूरे प्रयागराज शहर में इसी तरह के यातायात प्रतिबंध लागू किए जाएंगे।
Prayagraj Mahakumbh 2025 Mahashivratri: तीर्थयात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने प्रवेश बिंदुओं के निकटतम घाटों का उपयोग करें:
दक्षिणी झूंसी मार्ग: अरैल घाट
उत्तरी झूंसी मार्ग: हरिश्चंद्र घाट और पुराना जीटी घाट
पांडे क्षेत्र मार्ग: भारद्वाज घाट, नागवासुकी घाट, मोरी घाट, काली घाट, राम घाट और हनुमान घाट
अरैल क्षेत्र: अरैल घाट।
महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व पर रोडवेज कर रहा 4500 बसों का संचालन
महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि से पहले उमड़े जन सैलाब को देखते हुए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए 4500 बसों का संचालन कर रहा है। आधिकारिक बयान के मुताबिक, उप्र रोडवेज श्रद्धालुओं को सकुशल और सुव्यवस्थित ढंग से उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए पूरी तन्मयता से लगा हुआ है तथा महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के लिए रोडवेज 4500 बसों का संचालन कर रहा है। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक (प्रयागराज परिक्षेत्र) एम के त्रिवेदी ने बताया, “ प्रदेश के सभी मार्गों के लिए बसों का पूरा इंतजाम कर लिया गया है।
इसके लिए 3050 बसों का आवंटन हुआ है। सभी 6 पार्किंग स्थल से ये बसे संचालित होंगी।” उन्होंने बताया कि सबसे अधिक 1189 बसों का संचालन झूंसी पार्किंग स्थल से होगा जिसके बाद बेला कछार पार्किंग से 662, नेहरू पार्क पार्किंग से 667, लेप्रोसी पार्किंग से 298, सरस्वती द्वार से 148 और सरस्वती हाईटेक सिटी पार्किंग से 86 बसों का संचालन होगा।
उनके मुताबिक, हर दस मिनट में बसों की उपलब्धता रहेगी। त्रिवेदी ने बताया, “महाशिवरात्रि स्नान पर्व के लिए 1450 बसें आरक्षित की गई हैं। झूंसी पार्किंग में सबसे अधिक 540 बसें आरक्षित रहेंगी। इसके अलावा बेला कछार में 480, नेहरू पार्क में 240, सरस्वती द्वार में 120 और लेप्रोसी और सरस्वती हाईटेक सिटी पार्किंग में 70 -70 बसें आरक्षित रहेंगी।”
उन्होंने बताया कि शहर के चारों तरफ बनाए गए अस्थाई बस स्टॉप से महाकुंभ नगर के नजदीक के स्थानों तक श्रद्धालुओं को पहुंचाने के लिए 750 शटल बसें मौजूद हैं और हर दो मिनट में शटल सेवा उपलब्ध है तथा 25 फरवरी से 28 फरवरी तक शटल सेवा मुफ्त कर दी गई है।
उप्र : महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या से महाकुंभ में वाहनों के प्रवेश पर रोक
महाशिवरात्रि और महाकुंभ पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंगलवार को शाम चार बजे से मेला क्षेत्र और शाम छह बजे से कमिश्नरेट प्रयागराज को “नो-व्हीकल जोन” घोषित किया गया है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस निर्णय का पालन करते हुए सुचारू यातायात एवं श्रद्धालुओं की सुविधा में सहयोग करें।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के दृष्टिकोण से प्रशासन ने प्रवेश मार्गों के अनुसार स्नान घाटों का निर्धारण किया है। इसके अंतर्गत झूसी से आने वाले श्रद्धालु दक्षिणी झूसी के श्रद्धालु संगम द्वार ऐरावत घाट पर स्नान करेंगे। वहीं, उत्तरी झूसी के श्रद्धालु संगम हरिश्चंद्र घाट एवं संगम ओल्ड जीटी घाट का उपयोग करेंगे।
बयान के मुताबिक, परेड क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार भरद्वाज घाट, संगम द्वार नागवासुकी घाट, संगम द्वार मोरी घाट, संगम द्वार काली घाट, संगम द्वार रामघाट और संगम द्वार हनुमान घाट पर स्नान करेंगे। मेला प्रशासन के अनुसार, अरैल क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार अरैल घाट पर स्नान करेंगे।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने प्रवेश मार्ग के निकटतम घाट पर स्नान करें ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे और यातायात सुचारू रूप से संचालित हो सके। हालांकि, मेला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यातायात प्रतिबंधों के बावजूद, दूध, सब्जी, दवा, पेट्रोल/डीजल की आपूर्ति, एंबुलेंस और सरकारी सेवाओं (पुलिस, डॉक्टर, प्रशासन) से जुड़े वाहनों के आवागमन पर कोई रोक नहीं रहेगी।
इन आवश्यक सेवाओं के निर्बाध संचालन की व्यवस्था की गई है। पांटून पुलों का संचालन भीड़ के अनुसार होगा। भीड़ नियंत्रण के लिए सभी पांटून पुलों का संचालन श्रद्धालुओं की संख्या और दबाव के आधार पर किया जाएगा। यदि किसी क्षेत्र में अत्यधिक भीड़ हो जाती है तो प्रशासन द्वारा वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराए जाएंगे।
महाकुंभः महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान की तैयारी की मुख्य सचिव ने की समीक्षा
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने आगामी 26 फरवरी को महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि की तैयारियों की शुक्रवार को समीक्षा की। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “हम बेहतर यातायात नियंत्रण, भीड़ प्रबंधन और अंतिम स्नान के साथ ही सप्ताहांत यानी शनिवार एवं रविवार के लिए व्यवस्था कर रहे हैं।
हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा ना हो।” उन्होंने कहा, “ हमने मेले में पांटून पुल, नदी में जल की मात्रा आदि देखी। गंगा नदी में अभी 11,000 क्यूसेक पानी है और यमुना में लगभग 9,000 क्यूसेक पानी है। आगामी स्नान पर्व के लिए गंगा में पानी बढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है।”
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने नाव से संगम घाटों का भी निरीक्षण किया और साफ-सफाई की व्यवस्था को परखने के साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये। इस बीच, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शनिवार को प्रयागराज आने का कार्यक्रम है और वह स्वयं भी तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
महाकुंभ में डुबकी लगाने वालों का आंकड़ा 64 करोड़ के पार पहुंचा
प्रयागराज महाकुंभ में देश के कोने कोने से श्रद्धालुओं का आगमन मंगलवार को भी जारी रहा और 1.24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के गंगा और संगम में स्नान के साथ डुबकी लगाने वालों की संख्या 64 करोड़ को पार कर गई। मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को शाम आठ बजे तक 1.24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई और 13 जनवरी से प्रारंभ हुए महाकुंभ में अभी तक 64.60 करोड़ लोगों ने स्नान कर लिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्व महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रदेशवासियों और महाकुंभ में स्नान के लिए आए संत-महात्माओं एवं श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाशिवरात्रि का पावन पर्व लोक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होने की प्रेरणा देता है।
सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, 26 फरवरी को शिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व तक गंगा और संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 65 करोड़ से भी ऊपर पहुंच सकती है। महाकुंभ में 73 देशों के राजनयिक और भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक समेत तमाम देशों के अतिथि यहां डुबकी लगाने पहुंचे।
नेपाल से भी 50 लाख से अधिक लोग अब तक त्रिवेणी में स्नान कर चुके हैं। अब तक डुबकी लगाने वालों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक करीब 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर स्नान किया।
एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया। वहीं माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया।