लाइव न्यूज़ :

दुनिया को बताएं नहीं, घर लौटकर काम करें पीएम मोदी, US से सीखें: अमेरिकी स्तंभकार ने दी सलाह

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: September 24, 2019 21:06 IST

पनोस मोरडॉकटस ने लिखा, ''दुनिया को बताने से भारत नहीं बदलेगा, दुनिया से सीखना होगा, खासकर अमेरिका से सीखना होगा और घर में काम पर वापस लौटने से यह संभव होगा।''

Open in App
ठळक मुद्देअमेरिकी स्तंभकार और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर पनोस मोरडॉकटस ने भारत की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों पर कई सवाल खड़े किए।मोरडॉकटस ने मशहूर फोर्ब्स मैगजीन की वेबसाइट Modi Should Spend More Time At Home (मोदी को घर पर ज्यादा वक्त बिताना चाहिए) शीर्षक से एक लेख लिखा है।

अमेरिकी स्तंभकार और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर पनोस मोरडॉकटस ने भारत की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों पर कई सवाल खड़े किए हैं और यहां तक कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घर में ज्यादा वक्त बिताना चाहिए। मोरडॉकटस ने मशहूर फोर्ब्स मैगजीन की वेबसाइट Modi Should Spend More Time At Home (मोदी को घर पर ज्यादा वक्त बिताना चाहिए) शीर्षक से एक लेख लिखा है, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम मोदी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 

लेख की शुरुआत में अमेरिकी प्रोफेसर ने लिखा, ''भारत के प्रधानमंत्री मोदी को देश की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था और भारत के लोगों के बढ़ते विभाजन का ध्यान रखते हुए घर पर ज्यादा वक्त बिताना चाहिए और विदेश में विदेशियों को यह बताने के लिए कम समय देना चाहिए कि भारत में सब कुछ ठीक है।

उन्होंने आगे लिखा, ''क्योंकि दुनिया के शक्तिशाली नेताओं के साथ बैठक करते हुए मोदी रूस से अमेरिका की यात्रा करते हैं, उधर भारतीय अर्थव्यवस्था नाटकीय रूप से नीचे जा रही है, जोकि साल दो साल पहले 8 फीसदी थी और अब  5 प्रतिशत पर आ गई है।''

पनोस मोरडॉकटस लिखा,  ''नेशनल सैंपल सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) के पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के मुताबिक, भारत में कामगार जनसंख्या अनुपात 46.8 फीसदी है, जोकि रिकॉर्ड स्तर पर नीचे आ गया है। 

2012 से 2018 के बीच रोजगार दर अनुपात 48.76 फीसदी हो गया है। यह अनुपात 2012 में सबसे ज्यादा 50.80 फीसदी था और सबसे कम 2018 में 46.80 फीसदी रहा। 

2019-20 वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में बिजनेस एक्सपेक्टेशंस इंडेक्स (BEI) 112.8 पर गिर गया, जो पिछली तिमाही में 113.5 था। ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स डॉट कॉम के मुताबिक, यह 2000 से 2019 के बीच की अवधि में औसत 117.74 इंडेक्स पॉइंट्स से नीचे था।''

इसके अलावा और भी कई तरह के आंकड़े गिनाए। उन्होंने गैलप सर्वे की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए लिखा, ''जाहिर है, इन दिनों भारत में कई चीजें गलत होनी चाहिए। जिनमें से एक है कि मोदी की नीतियां आम जनता के अनुरूप नहीं हैं। वास्तव में एक औसत भारतीय की हालत मोदी सरकार में बदतर है। मोदी के पद संभालने के बाद से उन भारतीय की दर में कमी आई अपने जीवन पर्याप्त सकारात्मक और संपन्न बताते हैं।

ग्रामीण इलाकों में हालात और भी खराब हैं।

2015 की शुरुआत में ग्रामीण भारतीयों ने भोजन के लिए भुगतान में कठिनाई की शिकायत करना शुरू की। उस वर्ष, चार ग्रामीण भारतीयों में से एक (28%) के पास भोजन के लिए भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन नहीं था, शहरों में ऐसे भारतीयों का प्रतिशत 18 था। 

लेख के आखिर में  पनोस मोरडॉकटस ने लिखा, ''दुनिया को बताने से भारत नहीं बदलेगा, दुनिया से सीखना होगा, खासकर अमेरिका से सीखना होगा और घर में काम पर वापस लौटने से यह संभव होगा।''

टॅग्स :मोदी सरकारनरेंद्र मोदीडोनाल्ड ट्रंपफोर्ब्स
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई