वाराणसी, 14 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि शून्य बजट प्राकृतिक खेती एक जन आंदोलन बननी चाहिए और लोगों को इसके लाभों से अवगत कराया जाना चाहिए।
सद्गुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थान की 98वीं वर्षगांठ के अवसर पर यहां स्वरवेद महामंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है, “सुराज” उतना ही महत्वपूर्ण है जितना “स्वराज”।
शून्य बजट प्राकृतिक खेती के महत्व पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि इसे जन आंदोलन बनाया जाना चाहिए।
शून्य बजट प्राकृतिक खेती पारंपरिक क्षेत्र-आधारित प्रौद्योगिकियों पर भरोसा करके कृषि लागत को कम करती है और इससे मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है।
मोदी ने हाल के वर्षों में वाराणसी में हुए विकास कार्यों को भी रेखांकित किया।
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