PM Kisan Yojana: भारत के लाखों किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे हैं। इस योजना के तहत सरकार साल भर किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। जिससे किसानों को खेती करने में आसानी हो और वह होने वाले खर्चों से निपट सके। साल 2025 में किसानों को 19वीं किस्त मिलने वाली है। छोटे किसान इसमें अप्लाई करके योजना का लाभ उठा सकते हैं।
नए साल में जारी होने वाली किश्त से पहले सरकार ने कुछ नियमों में बदलाव किया है जिसकी जानकारी हर किसान को होना आवश्यक है। गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पीएम-किसान प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण कार्यक्रम के तहत नए आवेदकों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है।
1 जनवरी, 2025 से सभी नए आवेदकों को भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी डिजिटल आईडी प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक भूमि-स्वामी किसानों को ही लाभ मिले और किसानों के लिए अन्य कल्याणकारी योजनाओं तक पहुँच को सुव्यवस्थित किया जाए।
राज्य सरकारों को जारी निर्देश में, मंत्रालय ने भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने और लाभार्थियों के नाम पर भूमि का म्यूटेशन सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया। यह डिजिटलीकरण 'किसान पहचान पत्र' के रूप में जाने जाने वाले अद्वितीय किसान आईडी के निर्माण की सुविधा प्रदान करेगा, जिसमें किसानों की भूमि, उगाई गई फसलों और अन्य प्रासंगिक जानकारी के बारे में विवरण होगा।
पीएम-किसान के लिए प्रक्रिया
पीएम-किसान योजना के मौजूदा लाभार्थी, जो 9.5 मिलियन से अधिक किसानों को तीन समान किस्तों में सालाना 6,000 रुपये प्रदान करते हैं, रजिस्ट्री का हिस्सा बने रहेंगे। हालांकि, नए आवेदकों के लिए, किसान आईडी भूमि स्वामित्व के प्रमाण के रूप में काम करेगी, जिससे पंजीकरण प्रक्रिया सरल होगी और धोखाधड़ी का जोखिम कम होगा।
ऐसे मामलों को संबोधित करने के लिए जहां भूमि म्यूटेशन पूरा नहीं हुआ है, मंत्रालय ने राज्य राजस्व विभागों को विरासत म्यूटेशन के लिए तंत्र लागू करने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त, म्यूटेशन के तुरंत बाद स्वामित्व कॉलम में आवेदक का नाम दर्शाने के लिए भूमि रिकॉर्ड सिस्टम को अपग्रेड किया जाना चाहिए।
डिजिटल किसान आईडी क्या हैं?
किसान पहचान पत्र, या डिजिटल किसान आईडी, एक अनूठी पहचान प्रणाली है जिसे यह सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया गया है कि केवल वास्तविक भूमि-स्वामी किसान ही कल्याणकारी लाभों के लिए पात्र हैं।
इन आईडी में आवश्यक विवरण होंगे, जैसे:
किसान का नाम
भूमि स्वामित्व की जानकारी
भूमि पर उगाई जाने वाली फसलें
कृषि कल्याण कार्यक्रमों के लिए अन्य प्रासंगिक डेटा
डिजिटल आईडी क्यों शुरू की गई है?
डिजिटल आईडी की शुरुआत से आने वाले वर्षों में लगभग 110 मिलियन किसानों को लाभ होने की उम्मीद है। ये आईडी सरकार के लिए सीधे नकद हस्तांतरण वितरित करना, कृषि ऋण स्वीकृत करना, फसल बीमा प्रदान करना और फसल की पैदावार का अधिक सटीक अनुमान लगाना आसान बना देंगी। फरवरी 2019 में लॉन्च होने के बाद से पीएम-किसान योजना ने 18 किस्तों के माध्यम से किसानों को 3.46 लाख करोड़ रुपये वितरित किए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, 19वीं किस्त अगले महीने जारी होने वाली है।