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Petrol, diesel price: लगातार दूसरे दिन 60 पैसे प्रति लीटर बढ़े दाम, लॉकडाउन में झटका, जानिए दिल्ली में क्या है कीमत

By भाषा | Updated: June 8, 2020 18:14 IST

देश भर में लगातार दूसरे दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि हुई। हालांकि सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि 83 दिन बाद यह बढ़ोतरी की गई है। 16 मार्च से कोई बदलाव नहीं किया था।

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ठळक मुद्देतेल कंपनियों ने रविवार को 83 दिनों के अंतराल के बाद कीमतों की समीक्षा करते हुए इसमें 60 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। तेल कंपनी के अधिकारी ने बताया कि दैनिक आधार पर कीमतों में संशोधन फिर से शुरू हो गया है।

नई दिल्लीः पेट्रोल और डीजल की कीमतों में सोमवार को लगातार दूसरे दिन 60 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने 83 दिनों के अंतराल के बाद कीमतों की दैनिक आधार पर फिर समीक्षा शुरू की है।

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 71.86 रुपये से बढ़कर 72.46 रुपये प्रति लीटर हो गई, जबकि डीजल की कीमत 69.99 रुपये से बढ़कर 70.59 रुपये प्रति लीटर कर दी गई। इससे पहले तेल कंपनियों ने रविवार को 83 दिनों के अंतराल के बाद कीमतों की समीक्षा करते हुए इसमें 60 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। इस तरह कीमतों में लगातार दूसरे दिन वृद्धि हुई है। एक तेल कंपनी के अधिकारी ने बताया कि दैनिक आधार पर कीमतों में संशोधन फिर से शुरू हो गया है।

तेल कंपनियां हालांकि, एटीएफ और एलपीजी की कीमतों की नियमित रूप से समीक्षा कर रही थीं, लेकिन 16 मार्च से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के लाभ को सोखने के लिए सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने कीमतों की दैनिक समीक्षा रोक दी थी।

इसके बाद सरकार ने छह मई को एक बार फिर पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया। इस वृद्धि के बाद पेट्रोल पर कुल उत्पाद शुलक बढ़कर 32.98 रुपये लीटर और डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया। तेल कंपनियों ने हालांकि, उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी का भार ग्राहकों पर नहीं डाला, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के साथ उसे समायोजित कर दिया गया।

नरेन्द्र मोदी सरकार ने मई 2014 में जब पहली बार सत्ता संभाली थी तब पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर पर था। कोरोना वायरस महामारी के कारण कच्चे तेल की कीमत अप्रैल में एक दशक के सबसे निचले स्तर पर जा पहुंची थी।

भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत तेल आयात करता है। अधिकारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के कारण तेल कीमतों की दैनिक समीक्षा को रोक दिया गया था। अब जबकि बाजार में कुछ हद तक स्थिरता दिखने लगी है दैनिक मूल्य समीक्षा शुरू कर दी गई है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में उठापटक के बावजूद तेल कंपनियों ने विमान ईंधन एटीएफ और एलपीजी के दाम में लगातार संशोधन किया है। 

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