पेगासस स्पाईवेयर विवाद पर भारत सरकार ने कहा है ऐसी रिपोर्ट भारत के लोकतंत्र और यहां स्थापित संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश लगते हैं। पेगासस विवाद पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ये बात सोमवार को लोकसभा में कही।
अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा, 'एक बेहद सनसनीखेज स्टोरी एक वेब पोर्टल द्वारा रात में प्रकाशित की गई। इस स्टोरी के माध्यम से कई बेबुनियाद आरोप लगाए गए। संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले ये रिपोर्ट सामने आए। ये बस एक संयोग नहीं हो सकता है।'
आईटी मंत्री ने साथ ही कहा, 'पहले भी ऐसे दावे व्हाट्सएप पर भी पेगासस को लेकर किए गए। उन रिपोर्ट का भी कोई आधार नहीं था और सभी पार्टियों द्वारा उसे खारिज किया गया। ऐसा लगता है कि 18 जुलाई, 2021 की प्रेस रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र और यहां स्थापित संस्थाओं को बदनाम करने की एक कोशिश है।'
अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'हम उन लोगों को दोष नहीं दे सकते जिन्होंने स्टोरी को विस्तार से नहीं पढ़ा है और मैं सदन के सभी सदस्यों से तथ्यों और तर्क पर मुद्दे को देखने का अनुरोध करता हूं। इस रिपोर्ट का आधार यह है कि एक कंसोर्टियम है जिसके पास 50,000 फोन नंबरों के लीक डेटाबेस हैं।'
बकौल आईटी मंत्री, 'आरोप है कि इन फोन नंबरों से जुड़े लोगों की जासूसी की जा रही है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा में केवल फोन नंबर की मौजूदगी से यह पता नहीं चलता है कि वह डिवाइस पेगासस से संक्रमित था या उसे हैक करने की कोशिश की गई या नहीं।'
राहुल गांधी ने इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी पर कसा था तंज
बता दें कि इससे पहले पेगासस विवाद पर कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष भी किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हम जानते हैं कि वह आपके फोन में सबकुछ पढ़ रहे हैं।’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि यह मुद्दा लोकतंत्र का अपमान है।
संसद में ये भी ये मुद्द गूंजा। गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों।
सरकार ने हालांकि अपने स्तर पर खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने कहा कि इसका कोई ठोस आधार नहीं है।