पेगासस फोन टैपिंग को लेकर बड़ा खुलासा हो सकता है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट के जरिये बताया है कि आज शाम को वाशिंगटन पोस्ट और लंदन गार्जियन भारत में पेगासस के इस्तेमाल को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित कर सकते हैं। स्वामी ने बताया है कि ऐसी खबरें हैं कि मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्रियों, आरएसएस नेताओं, सुप्रीम कोर्ट के जजों और पत्रकारों के फोन टैप करने के लिए इजरायल की फर्म पेगासस की सेवाएं ली गई हैं। उनके साथ कई राजनेताओं और पत्रकारों ने भी ऐसे ही ट्वीट किए हैं।
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट में लिखा, 'ऐसी खबरें हैं कि आज शाम को वाशिंगटन पोस्ट और लंदन गार्जियन एक रिपोर्ट को प्रकाशित करने जा रहे हैं। जिसमें बताया गया है कि मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्रियों, आरएसएस नेताओं, सुप्रीम कोर्ट के जज और पत्रकारों के फोन टैप करने के लिए इजरायल की फर्म पेगासस की सेवाएं ली गई हैं।'
इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने भी ट्वीट कर दावा किया है कि विपक्ष के कई लोगों को फोन टैपिंग का निशाना बनाया गया है। कांग्रेस के लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी पेगासस का जिक्र किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि यह पेगासस विस्फोटक होने वाला है।
वरिष्ठ पत्रकार ने किए कई ट्वीट
वरिष्ठ पत्रकार शीला भट्ट ने शनिवार रात ट्वीट किया है कि रिपोर्ट “वास्तव में एक बड़ी स्टोरी है“ और इसमें भारत सहित मीडिया संगठनों का सहयोग शामिल है। उसने दावा किया कि रिपोर्ट रविवार को 11.59 बजे प्रकाशित की जाएगी। इसके साथ ही रविवार को उन्होंने लिखा कि आज शाम को जो साइट विस्फोटक सामग्री प्रकाशित करने जा रही है, वह एक प्रतिष्ठित भारतीय साइट है। वहीं एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि प्रकाशित होने वाली स्टोरी मानसून सत्र का पहला हफ्ता खपाने वाली है। इंतजार करते हैं और देखते हैं कि इससे किसको और कितनी चोट लगती है।
2019 मे सबसे पहले चर्चा में आया मामला
साल 2019 में इजरायल द्वारा निर्मित स्पाइवेयर पेगासस चर्चा में आया था। अक्टूबर 2019 में वाट्सएप ने कहा था कि वह इजरायल की निगरानी फर्म एनएसओ पर मुकदमा कर रहा है, जो कि पेगासस की तकनीक के पीछे थी और जिसका इस्तेमाल जासूसों द्वारा दुनिया भर के 1400 उपयोगकर्ताओं के फोन को हैक करने के लिए किया गया था। इन उपयोगकर्ताओं में राजनयिक, राजनीतिक रूप से असहमति रखने वाले, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल थे। निशाने पर भारतीय यूजर्स भी शामिल हैं। इसके बाद अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने बताया था कि इसमें करीब दो दर्जन भारतीय शिक्षाविद, वकील, दलित कार्यकर्ता और पत्रकारों की पेगासस के जरिये जासूसी की गई थी।
सरकार ने कहा-पेगासस का अनधिकृत उपयोग नहीं
2019 में पेगासस मामले में आरोप सामने आए, तब तत्कालीन केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद को बताया था कि सरकारी एजेंसियों द्वारा भारत में पेगासस का कोई अनधिकृत उपयोग नहीं किया गया था।