नई दिल्ली: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कथित टिप्पणियों को लेकर अपने खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों में राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने उन्हें 28 फरवरी तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने खेड़ा के खिलाफ कई प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने के लिए असम और उत्तर प्रदेश सरकारों से जवाब मांगा है और उनकी गिरफ्तारी से संरक्षण और कई प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने के अनुरोध संबंधी याचिका को 27 फरवरी को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
कांग्रेस नेता ने शीर्ष अदालत को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ वाराणसी, लखनऊ और असम में कई प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। कोर्ट से कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें रायपुर जाते समय विमान से उतार दिया गया और असम पुलिस उन्हें हिरासत में लेने के लिए हवाई अड्डे पर है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पूरी होने के बाद बृहस्पतिवार अपराह्न तीन बजे कांग्रेस नेता की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हुआ। उन्होंने कोर्ट से अपने खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों को समेकित करने और गिरफ्तारी से सुरक्षा का आग्रह किया।
सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता के वकील सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल ने प्रधानमंत्री पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी है और उन पर लगाए गए आरोपों में गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है। वहीं असम पुलिस ने न्यायालय को बताया कि पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया है और चिकित्सकीय जांच के लिए ले जाया गया है। बाद में उन्हें ट्रांजिट रिमांड के लिए अदालत में पेश किया जाएगा।