नई दिल्ली: पासपोर्ट एक अहम दस्तावेजा है। पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया में पुलिस सत्यापन एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रक्रिया में देरी से कभी-कभी पासपोर्ट जारी करने में हप्तों की देरी हो सकती है। ऐसे में लोगों को देरी की वजह से काफी परेशानी होती है। इस परेशानी को देखते हुए हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि वह पासपोर्ट सत्यापन प्रक्रिया को निर्धारित समय के भीतर पूरा करे।
अदालत ने कहा कि यह एक प्रशासनिक ज़िम्मेदारी है और किसी भी परिस्थिति में अनावश्यक देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नागरिकों के विदेश यात्रा के अधिकार पर कोई आंच नहीं आनी चाहिए।
इसलिए, पुलिस विभाग को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि पासपोर्ट आवेदनों से संबंधित सभी जाँच समय पर पूरी हो जाएँ, ताकि जनता को अनावश्यक असुविधा न हो। अगर ऐसा नहीं होता है, तो आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
4 हफ्तों के भीतर प्रोसेस करना होगा पूरा
पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन के संबंध में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस को अधिकतम चार हफ़्तों के भीतर पासपोर्ट सत्यापन रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई भी देरी केवल विशेष परिस्थितियों में ही स्वीकार्य होगी। आमतौर पर, पासपोर्ट आवेदनों का निपटान 30 दिनों के भीतर किया जाता है।
हालांकि पासपोर्ट पुनः जारी करने की समय सीमा सात दिन है, लेकिन इस समय सीमा में पुलिस सत्यापन शामिल नहीं है। अदालत ने माना कि इससे पासपोर्ट जारी करने में अनावश्यक देरी होती है। इसलिए, अब पुलिस विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी आवेदन पत्र निर्धारित समय सीमा के भीतर संसाधित और भेजे जाएँ।
शिकायत कहाँ करें?
अगर किसी व्यक्ति का पासपोर्ट आवेदन लंबे समय तक लंबित रहता है, तो उसे पहले संबंधित पासपोर्ट कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कर अपनी शिकायत का कारण जानना चाहिए। यदि यह निर्धारित होता है कि मामला पुलिस सत्यापन के लिए लंबित है, तो आवेदक स्थानीय पुलिस अधीक्षक या क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी से संपर्क कर सकता है।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी आवेदक पर कोई आपराधिक मामला लंबित है, तो उसे पहले अदालत से अनापत्ति प्रमाण पत्र या विशेष अनुमति लेनी होगी। पासपोर्ट कार्यालयों को आवश्यक दस्तावेज़ प्राप्त होने के एक महीने के भीतर आवेदनों का निपटान करने का भी निर्देश दिया गया है।