Parliament Session 2024: राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्यवाद भाषण दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने संसद को संबोधित करते हुए देश में चल रहे कई मुद्दों को उठाया और विपक्ष को घेरा। पीएम ने मंगलवार को हुए हाथरस हादसे पर दुख जताते हुए पीड़ितों की मदद का आश्वासन दिया तो वहीं बंगाल पिटाई मामले पर भी चुप्पी तोड़ी। सदन में पीएम के बोलते ही भारी हंगामे के बीच विपक्षी सांसदों के राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। हालांकि, पीएम ने अपना भाषण जारी रखा।
बंगाल पिटाई केस पर बोले पीएम
दरअसल, विपक्षी सांसदों द्वारा घेरे जाने के बाद पीएण मोदी जब बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने विपक्ष को मुंह तोड़ जवाब दिए। उन्होंने कहा, "महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर विपक्ष का चयनात्मक रवैया बहुत चिंताजनक है।" उन्होंने कहा, "मैंने सोशल मीडिया पर बंगाल का एक वीडियो देखा है जहां एक महिला को पीटा जा रहा था, जो घटना संदेशखाली में हुई लेकिन यहां तक कि विपक्ष के वरिष्ठ नेता ने इसके बारे में एक शब्द भी नहीं कहा है।"
राज्यसभा में पीएम ने कहा "भारत ने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की दिशा में निर्णायक कदम उठाए हैं और आज हम इसके परिणाम हैं। हमने महिलाओं के स्वास्थ्य, स्वच्छता और कल्याण के क्षेत्रों में भी काम किया है।"
राज्यसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कांग्रेस के कार्यकाल में 60,000 करोड़ रुपये के किसानों के कर्ज माफी की योजना थी, लेकिन जरूरतमंद छोटे किसानों के नाम लाभार्थियों की सूची में शामिल ही नहीं थे।"
विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'प्रदर्शन ने दुष्प्रचार पर विजय प्राप्त की है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "स्वतंत्र भारत के इतिहास और संसदीय यात्रा में कई दशकों के बाद ऐसा हुआ है कि जनता ने लगातार तीसरी बार किसी सरकार को जनादेश दिया है। 60 साल के बाद ऐसा हुआ है कि सरकार 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद वापस लौटी है। मैं समझता हूं कि यह कोई सामान्य बात नहीं है। कुछ लोगों ने जानबूझकर जनता द्वारा दिए गए इस फैसले को ब्लैकआउट करने की कोशिश की।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, "पिछले दो-ढाई दिनों में करीब 70 सांसदों ने इस चर्चा में हिस्सा लिया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर इस चर्चा को समृद्ध बनाने के लिए मैं आप सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं।"
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी कहते हैं, "हमें इस चुनाव में इस देश की जनता की बुद्धि और बुद्धिमत्ता पर गर्व है। उन्होंने दुष्प्रचार को परास्त किया। उन्होंने प्रदर्शन को प्राथमिकता दी। उन्होंने छल की राजनीति को नकार दिया और विश्वास की राजनीति पर विजय की मुहर लगाई।"
इस बीच, विपक्षी सांसदों के सदन से जाने पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, "...मैंने उनसे आग्रह किया कि विपक्ष के नेता को बिना किसी रुकावट के बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। आज उन्होंने सदन को पीछे नहीं छोड़ा, उन्होंने गरिमा को पीछे छोड़ दिया, उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई, उन्होंने भारत के संविधान का अपमान किया, उन्होंने मेरा या आपका अपमान नहीं किया, उन्होंने संविधान की शपथ का अपमान किया उन्होंने कहा, भारत के संविधान का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता...मैं उनके आचरण की निंदा करता हूं...यह एक ऐसा अवसर है जहां उन्होंने भारतीय संविधान की भावना को अपमानित किया है, उसकी अवहेलना की है उन्होंने शपथ ली है...भारतीय संविधान आपके हाथ में पकड़ने वाली चीज नहीं है, यह जीवन जीने की किताब है। मुझे उम्मीद है कि वे आत्मनिरीक्षण करेंगे और कर्तव्य के मार्ग पर चलेंगे।"