नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि जहां तक वह निवर्तमान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को जानते हैं, उनकी विदाई संभव नहीं है क्योंकि लोग उन्हें किसी न किसी बात के लिए बुलाते रहेंगे। नायडू पहले सभापति हो सकते थे, जो जानते थे कि कैसे सदन को और अधिक सक्षम बनाना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है, संसदीय समिति को और अधिक उत्पादक और परिणाम-उन्मुख बनाना है। हमें उनकी सलाह को यादगार बनाना चाहिए। नायडू को विदाई देने के लिए संसद सदस्यों द्वारा संसद भवन परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छे शब्दों का संग्रह नायडू की विरासत को आगे बढ़ाएगा।
हमेशा उच्च सदन और अन्यत्र मातृभाषा के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया। मोदी ने कहा कि नायडू को केंद्र सरकार में शहरी विकास और ग्रामीण विकास दोनों विभागों को संभालने का अनूठा गौरव प्राप्त है। उन्होंने कहा कि शायद नायडू अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो राज्यसभा के सदस्य थे और इसके सभापति बने।
वेंकैया नायडू ऐसे पहले उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति हैं जो राज्यसभा के सदस्य भी रहें। अब जो लंबे समय तक राज्यसभा में रहे हो उनको सदन में क्या-क्या चलता है, पर्दे के पीछे क्या चलता है, कौन सा दल क्या करेगा?, इन सभी बातों का उनको भली भांतिअंदाजा था।
राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू के विदाई समारोह में मोदी ने कहा कि नायडू और मैं, हमारी बहुत बातचीत होती थी। जब मैंने अटल जी की सरकार के दौरान पार्टी के लिए काम किया तब वेंकैया जी कहा करते थे कि वे ग्रामीण विकास विभाग में काम करना चाहते हैं। उनमें इसके लिए जुनून था।
एम. वेंकैया नायडू ने कहा किमैं एक तरफ बहुत खुश हूं और दूसरी तरफ मुझे लगता है, मैं आप सभी को याद कर रहा हूं क्योंकि मैं 10 अगस्त से सदन की अध्यक्षता करने की स्थिति में नहीं रहूंगा ... मैं हमेशा सदन का अभिवादन करते हुए 'नमस्ते' कहा करता था क्योंकि भारतीय परंपरा और संस्कृति में बहुत कुछ है।