Parliament Monsoon Session: राज्यसभा और लोकसभा में मानसून सत्र के तीसरे दिन हंगामें के साथ सदन की चर्चा की शुरुआत हुई। देखते ही देखते विपक्ष की नारेबाजी और विरोध शुरू हो गया। जिसके बाद कार्रवाई शुरू होते ही बंद हो गई और लोकसभा और राज्यसभा को दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया है। गौरतलब है कि विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की बैठक शुरु होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया।
उच्च सदन की बैठक शुरु होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने सूचित किया कि नियत कामकाज स्थगित कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उन्हें नियम 267 के तहत 25 नोटिस मिले हैं।
हरिवंश ने बताया कि कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह, रजनी अशोक राव पाटिल, नीरज डांगी, डॉ सैयद नासिर हुसैन, रेणुका चौधरी, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले, महुआ मांझी, सुष्मिता देव, द्रमुक के तिरुचि शिवा और राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा सहित कुछ सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिए हैं।
उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी के संदीप कुमार पाठक तथा संजय सिंह ने अवैध अतिक्रमण हटाए जाने की वजह से विस्थापित हुए लोगों के मुद्दे पर तथा तृणमूल कांग्रेस के रीताव्रता बनर्जी ने बांग्लाभाषी प्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिए हैं। उपसभापति ने बताया कि पूर्व में दी गई व्यवस्था के अनुपालन में ये नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार किए जाने पर विपक्षी सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया और हंगामा करने लगे। कुछ सदस्य अपने स्थानों से आगे भी आ गए। हरिवंश ने सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने और शून्यकाल चलने देने की अपील की।
शून्यकाल के तहत उन्होंने एमडीएमके सदस्य एम वाइको को अपना मुद्दा उठाने की अनुमति दी। हंगामे के बीच ही वाइको ने तमिलनाडु के मछुआरों को श्रीलंका की नौसेना द्वारा पकड़े जाने का मुद्दा उठाया।
इस बीच हंगामा तेज हो गया और हरिवंश ने सदन में व्यवस्था बनते न देख करीब 11 बजकर आठ मिनट पर बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई सोमवार से शुरू हुआ है। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन में इस सत्र में अब तक शून्यकाल, प्रश्नकाल तथा अन्य विधायी कामकाज नहीं हो पाया है।
एसआईआर को लेकर विपक्ष का हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित
विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर बुधवार को भी लोकसभा में हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
मानसून सत्र के तीसरे दिन निचले सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करने लगे। विपक्षी सांसदों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं, जिन पर एसआईआर विरोधी नारे लिखे हुए थे। उन्होंने बिहार में एसआईआर की कवायद, पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर को रोकने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों समेत कुछ विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया। सदन में शोर-शराबे के बीच ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रश्नकाल के दौरान कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों ने अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘संसद और संसद परिसर के अंदर आपका व्यवहार, आचरण और कार्यपद्धति मर्यादित होने चाहिए। देश की जनता ने आप लोगों को अपनी आवाज, जनता की कठिनाई, चुनौतियों, देश से जुड़ें मुद्दों और नीतियों पर चर्चा के लिए भेजा है।’’
बिरला ने यह चेतावनी भी दी कि सदन में तख्तियां लेकर आने वाले सांसदों पर उन्हें निर्णायक कार्रवाई करनी पड़ेगी। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 11 बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।