नई दिल्लीः भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (इंडिया) के सांसदों ने लगातार चौथे दिन चुनाव आयोग द्वारा बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सांसद संसद के मकर द्वार पर एकत्रित हुए और इस प्रक्रिया को रोकने की मांग की। विपक्षी दल मानसून सत्र की शुरुआत से ही लोकसभा और राज्यसभा में इस पुनरीक्षण प्रक्रिया पर चर्चा की मांग कर रहे हैं और हर दिन स्थगन प्रस्ताव पेश कर रहे हैं। उनका आरोप है कि एसआईआर की आड़ में मतदाता सूची में हेराफेरी की जा रही है।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) सांसद महुआ मांझी, लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सांसद मनोज झा और कई अन्य नेताओं ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। "SIR - लोकतंत्र पर हमला" लिखे बैनर लेकर सांसद मकर द्वार पर खड़े हो गए और मांग की कि मतदाता सूची संशोधन को रोका जाए।
बीआर अंबेडकर की विरासत पर हमला बताया। इस बीच, राज्यसभा में कई पार्टी सांसदों ने भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किए हैं। रजनी अशोकराव पाटिल, जेबी माथेर, रंजीत रंजन, नीरज डांगी और अखिलेश प्रसाद सिंह सहित उच्च सदन के पार्टी नेताओं ने बिहार एसआईआर पर केंद्रित चर्चा के लिए गुरुवार को शून्यकाल और प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की है।
विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के कई घटक दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध करते हुए बृहस्पतिवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। संसद के ‘मकर द्वार’ के निकट आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और कई अन्य दलों के सांसद शामिल हुए। विपक्षी सांसदों ने एक बड़ा बैनर भी ले रखा था, जिस पर ‘एसआईआर- लोकतंत्र पर वार’ लिखा हुआ था। उन्होंने ‘एसआईआर वापस लो’ के नारे लगाए।
विपक्षी सांसदों ने कहा कि इस विषय पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद गिरिधारी यादव के बयान का हवाला देते हुए कहा कि अब तो सत्तापक्ष के लोग भी एसआईआर पर सवाल उठा रहे हैं, ऐसे में इस विषय पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। यादव ने एसआईआर की कवायद का विरोध करते हुए कहा कि जो मतदाता सूची लोकसभा चुनाव में सही थी, वो विधानसभा चुनाव में गलत कैसे हो सकती है।