Parliament Monsoon Session: संसद में जल्द शुरू होगा मानसून सत्र, एंटी डोपिंग से लेकर टैक्स कानून तक सरकार इन 8 बिलों को कर सकती है पेश
By अंजली चौहान | Updated: July 16, 2025 12:54 IST2025-07-16T12:52:50+5:302025-07-16T12:54:44+5:30
Parliament Monsoon Session: 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलने वाले संसद के मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश और पारित किए जाएँगे। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस सत्र को मंज़ूरी दे दी है, जिसमें जीएसटी, कराधान कानूनों और जन विश्वास विधेयक में संशोधन शामिल हैं।

Parliament Monsoon Session: संसद में जल्द शुरू होगा मानसून सत्र, एंटी डोपिंग से लेकर टैक्स कानून तक सरकार इन 8 बिलों को कर सकती है पेश
Parliament Monsoon Session:संसद में 21 जुलाई से 12 अगस्त तक मानसून सत्र का आयोजन किया गया है। मोदी सरकार मानसून सत्र के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा कर सकती है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में मानसून सत्र सुबह 11 बजे शुरू किया जाएगा। ऐसे में सरकार ने इस बार के सत्र में आठ विधेयकों को पेश करने का प्लान बनाया है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इस सत्र में पेश किए जाने वाले आठ नए विधेयकों की सूची बनाई है, इसके अलावा पहले पेश किए गए सात लंबित विधेयकों पर भी विचार किया जाएगा। दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाला विपक्ष संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान पहलगाम आतंकी हमले, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और देश में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार जैसे मुद्दे उठाएगा।
जानकारी के अनुसार, सरकार के टॉप एजेंडे में आयकर विधेयक, 2025 शामिल है, जिसे 13 फरवरी को संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया गया था और फिर भाजपा सांसद बैजयंत "जय" पांडा की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था।
जेपीसी बुधवार को मसौदा रिपोर्ट को स्वीकार करेगी, जिसके बाद संशोधित विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास मंज़ूरी के लिए भेजा जाएगा और इसी सत्र के दौरान इसे संसद में पारित होने के लिए लाए जाने की उम्मीद है।
सरकार संसद में इन 8 विधेयक पेश करेगी
- मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025
- जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2025
- भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2025
- कराधान विधि (संशोधन) विधेयक 2025
- भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण एवं रखरखाव) विधेयक 2025
- खान एवं खान (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक 2025
- राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक 2025
विचार और पारित होने के लिए सूचीबद्ध विधेयक
1- आयकर विधेयक, 2025: आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेता है। कर दरों और अपराधों सहित इसके अधिकांश प्रावधानों को बरकरार रखता है। मुख्य रूप से भाषा को सरल बनाने और अनावश्यक प्रावधानों को हटाने का प्रयास करता है। 13 फरवरी को बजट सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए इस विधेयक को निचले सदन की प्रवर समिति को भेज दिया गया था।
2- गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2024: यह विधेयक गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटें आरक्षित करता है। इसे पिछले अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था।
3- भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025: भारतीय बंदरगाह अधिनियम, 1908 को निरस्त करता है: यह विधेयक समुद्री राज्य विकास परिषद, राज्य समुद्री बोर्ड और विवाद समाधान समिति बनाकर बंदरगाह क्षेत्र के विनियमन का प्रावधान करता है। यह विधेयक भी पिछले साल पेश किया गया था।
4- व्यापारिक नौवहन विधेयक, 2024: यह व्यापारिक नौवहन अधिनियम, 1958 का स्थान लेता है, जहाजों के पंजीकरण और स्वामित्व, समुद्री प्रशिक्षण के विनियमन, नाविक कल्याण और प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित प्रावधानों को संशोधित करता है। इस विधेयक में यह विधेयक दिसंबर 2024 से लोकसभा में लंबित है।
5—तटीय नौवहन विधेयक, 2024: भारतीय तटीय जलक्षेत्र में व्यापार करने वाले जहाजों को विनियमित करने वाला विधेयक राज्यसभा में लंबित है। इसे अप्रैल 2025 में लोकसभा में पारित किया गया था।
6—समुद्री माल परिवहन विधेयक, 2024: यह भारतीय समुद्री माल परिवहन अधिनियम, 1925 का स्थान लेता है, जो भारतीय बंदरगाहों से समुद्र के द्वारा परिवहन किए जाने वाले माल से जुड़े अधिकारों और दायित्वों का प्रावधान करता है। इसमें अधिनियम के अधिकांश प्रावधान बरकरार हैं। पिछले साल मार्च में लोकसभा में पारित यह विधेयक राज्यसभा में लंबित है।
7—लदान बिल विधेयक, 2024: यह भारतीय लदान बिल अधिनियम, 1856 का स्थान लेता है, जो लदान बिल जारी करने के लिए एक कानूनी ढाँचा प्रदान करता है, जो जहाज पर माल के होने का निर्णायक प्रमाण प्रदान करता है। इसमें अधिनियम के अधिकांश प्रावधान बरकरार हैं। यह विधेयक मार्च 2025 में लोकसभा में पारित हुआ था और राज्यसभा में लंबित है।