नई दिल्ली। कोरोना मरीज के समीप आने की सूचना देने वाला आरोग्य सेतु एप सबसे तेज डाउनलोड होने वाला एप बनने की ओर बढ़ रहा है। पिछले 13 दिन में इस एप को करीब 4.5 करोड़ बार डाउनलोड किया गया है। यह उम्मीद की जा रही है कि एक—दो दिन में यह पांच करोड़ के पार हो जाएगा। इस बीच, सरकार ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कहा है कि वे कार्यालय आने से पहले आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करे। सेना को भी यह सलाह दी गई है लेकिन उन्हें कहा गया है कि वे आपरेशन एरिया, कमांड सेंटर में जाते समय मोबाइल वहां लेकर न जाएं। साथ ही अपना रैंक और नौकरी में आने की सूचना साझा न करें।
एक अधिकारी ने कहा कि यह आरोप पूरी तरह से गलत है कि इस एप से लोगों की निगरानी की जा रही है। एप का समस्त डाटा कूटभाषा या इंक्रिप्टीड रूप में उसी व्यक्ति के मोबाइल में रहता है जिसने एप डाउनलोड किया है। अगर उस व्यक्ति के संपर्क मे आए किसी व्यक्ति में कोरोना के संक्रमण पाए जाते हैं तो उसके बाद संक्रमित व्यक्ति के मोबाइल से डाटा हासिल करके उसके संपर्क में आए व्यक्तियों को तलाश किया जाता है। इसका उददेश्य केवल व्यक्ति को कोरोना से बचाना है। सरकार इससे निगरानी का कोई कार्य नहीं कर रही है। यही नहीं, यह किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं है और न ही इसे व्यवहारिक माना जा सकता है कि वह बे—वजह लोगों की निगरानी करे। इससे सरकार को क्या हासिल होगा।
इधर, सरकार ने बड़े औद्योगिकी संस्थानों, मैन्युफैक्चरिंग करने वाले कारखानों को भी सलाह दी है कि वे अपने कर्मचारियों को यह एप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें। जिससे कि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का यह एप काफी कारगार है। यह बताता है कि हमारे वैज्ञानिक कितनी सटीक और उपयोगी उपकरण बना सकते हैं। देशवासियो को चाहिए कि वे इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, सूचना प्रौद्योगिकी सचिव और अन्य अधिकारियों की टीम का धन्यवाद करें। जबकि इससे उलट कुछ लोग इसको लेकर भ्रामक बातें फैला रहे हैं। यह कोरोना के योद्धाओंं का अपमान करने जैसा ही है। हर व्यक्ति को चाहिए कि वे सावधानी बरतते हुए इस एप को अपने मोबाइल में डाउनलोड करे।