मेदिनीपुर: ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। जिस कोरोमंडल ट्रेन के साथ दो अन्य ट्रेने हादसे का शिकार हुई, इनमें से दो ट्रेने यात्रियों से भरी हुई थी जिसके कारण सैंकड़ों लोगों की जान चली गई वहीं कई लोग घायल हो गए।
हालांकि, इस भीषण हादसे में ट्रेन में सवार एक ही परिवार के तीन सदस्यों की जान बाल-बाल बच गए। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है कि इतने बड़े हादसे से बचकर यह परिवार सुरक्षित अपने घर को लौट आया है। एक ही परिवार के ये तीनों लोग पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। इन तीनों सदस्यों में सुब्रतो पाल, देबोश्री पाल और उनका बच्चा शामिल है।
यह परिवार पश्चिम बंगाल के महिसदल, पुरबा मेदिनीपुर के मलूबसन गांव के रहने वाले हैं। गौरतलब है कि बालासोर में एक भीषण दुर्घटना से पहले वे अपने बेटे को डॉक्टर को दिखाने के लिए चेन्नई ले जा रहे थे।
ऐसा लगा हमें नया जीवन मिला- चश्मदीद
जीवित बचे लोगों में से एक, सुब्रतो पाल ने एएनआई को बताया कि उन्हें इस घटना के बाद एक नया जीवन मिलने जैसा महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा, "हम कल खड़गपुर स्टेशन से चेन्नई के लिए रवाना हुए।
बालासोर स्टेशन के बाद, ट्रेन को झटका लगा फिर हमने डिब्बे को धुएँ से भरते देखा। मैं किसी को नहीं देख सका। स्थानीय लोग मेरी सहायता के लिए आए और उन्होंने मुझे मलबे से बाहर निकाला।" ऐसा लगता है कि भगवान ने मुझे दूसरा जीवन दिया है।"
वहीं, उनकी पत्नी देबोश्री पाल ने कहा कि दुर्घटना के समय उसने जो दृश्य देखे, वह उसके दिमाग से कभी नहीं हटेंगे। हम अपने बच्चे के लिए एक डॉक्टर को देखने के लिए चेन्नई जा रहे थे। हादसा बालासोर में हुआ था।
हम कुछ भी समझ नहीं पा रहे थे और न ही किसी को ढूंढ पा रहे थे। लोग एक दूसरे के ऊपर गिरे हुए थे। हम अपने बेटे को नहीं ढूंढ पा रहे थे। हमें पता नहीं चला हम कैसे बच पाए यह हमारे लिए दूसरी जिंदगी की तरह है। जब तक मैं जिंदा हूं, ये दृश्य मेरे दिमाग से कभी नहीं हटेंगे।
बता दें कि शुक्रवार रात बहनागा बाजार स्टेशन के पास तीन तरफ से ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हुई, जिसमें 261 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 900 से अधिक घायल हो गए। रेलवे ने मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 2 लाख रुपये और मामूली चोटों वाले लोगों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।