भुवनेश्वर: ओडिशा में तीन ट्रेनों की बीषण टक्कर के बाद हुए दर्दनाक हादसे में कई परिवार उजड़ गए हैं। हादसे के शिकार करीब 275 लोगों की मौत हो गई और हजार से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे के बाद से राहत-बचाव के काम में अधिकारी जुटे हुए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, मृतकों में अभी तक 101 शवों की पहचान नहीं हो पाई है। एएनआई के अनुसार, पूर्वी मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक रिंकेश रॉय ने कहा कि ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में अभी भी लगभग 200 लोगों का इलाज जारी है। दर्दनाक दुर्घटना में लगभग 1,100 लोग घायल हुए जिनमें से लगभग 900 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है।
55 शव परिवारवालों को सौंपे गए
एएनआई से बात करते हुए भुवनेश्वर नगर निगम के आयुक्त विजय अमृत कुलंगे ने बताया कि भुवनेश्वर में रखे गए कुल 193 शवों की पहचान कर ली गई है। 55 शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया गया है।
शवों की पहचान के लिए प्रशासन की तरफ से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। बीएमसी के हेल्पलाइन नंबर 1929 पर 200 से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं। शवों की शिनाख्त करके परिजनों को सौंपा जा रहा है।
बता दें कि भारतीय इतिहास में सबसे दुखद घटना में से एक बालासोर ट्रेन हादसे ने पूरे देश को दहला कर रख दिया। यह दुर्घटना शुक्रवार, 2 जून को शाम सात बजे के करीब हुई, जब शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे कई डिब्बे बगल के ट्रैक पर पटरी से उतर गए।
इसके बाद, यशवंतपुर से हावड़ा जा रही हावड़ा एक्सप्रेस, तेज गति से प्रभावित डिब्बों से टकरा गई, जिसके परिणामस्वरूप और पटरी से उतर गई। इस भीषण टक्कर के कारण इतना बड़ा हादसा हो गया जिसमें 200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई जबकि हजारों लोग घायल हो गए हैं।
हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालासोर का दौरा किया और दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया। पीएम मोदी ने हादसे की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक भी की थी।