पूर्व भारतीय सैनिक मोहम्मद सनाउल्लाह को असम स्थित नजरबंदी केंद्र से रिहा कर दिया गया है। उन पर विदेशी होने के आरोप लगे हैं। बीती 23 मई को एक अधिकरण ने उन्हें विदेशी नागरिक घोषित किया था। शुक्रवार (7 जून) को सनाउल्लाह को गुवाहाटी हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी।
बता दें कि इस मामले में गुवाहाटी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, चुनाव आयोग, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के अधिकारियों और असम सीमा पुलिस के जांच अधिकारी चंद्रमल दास को भी नोटिस जारी किया है।
मोहम्मद सनाउल्लाह करीब 30 वर्षों तक भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने असम बॉर्डर पुलिस में भी सेवाएं दी हैं। पिछले महीने सनाउल्लाह पर आरोप लगा था कि वह अवैध रूप से देश में रह रहे हैं। उन्हें विदेशी घोषित कर असम के डिटेंशन सेंटर में भेज दिया गया था।
सनाउल्लाह की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर व्यापक स्तर पर उनके लिए समर्थन देखा गया था।
सनाउल्लाह को 20 हजार रुपये के जमानत बॉन्ड भरने और और दो स्थानीय जमानतदार पेश करने के बाद रिहा किया गया। अदालत ने अधिकारियों को सनाउल्लाह को अंतरिम जमानत पर रिहा करने से पहले उनके बॉयोमीट्रिक्स और उंगलियों के निशान प्राप्त करने का भी निर्देश दिया।
यह भी निर्धारित किया गया कि रिहाई के बाद, सनाउल्ला कामरूप (सीमा) के पुलिस अधीक्षक को सूचना दिए बिना और उनकी मंजूरी लिए बिना कामरूप (ग्रामीण) और कामरूप (मेट्रो) जिलों के क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार से बाहर नहीं जाएंगे।
शनिवार सुबह गोलपारा नजरबंदी केंद्र से अपनी रिहाई के बाद, सनाउल्ला को गुवाहाटी के बाहरी इलाके में अमीनगांव स्थित कामरूप (सीमा) के पुलिस अधीक्षक कार्यालय के लिए भेजा गया।