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NPR: नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के लिए आधार सहित ये 21 दस्तावेज महत्वपूर्ण, 8 नए डाक्यूमेंट्स जोड़े गए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 25, 2019 14:22 IST

National Population Register Document List: विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार एनपीआर के जरिए एनआरसी लागू करेगी।

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ठळक मुद्देलोकमत समाचार में छपी खबर एनपीआर को 2015 में अपडेट किया गया था। 2010 में एनपीआर की प्रक्रिया में 15 दस्तावेज मांगे गए थे।

नरेंद्र मोदी सरकार ने एनआरसी के नाम से चर्चित भारतीय नागरिकों का रजिस्टर (एनआरआईसी) बनाने को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के व्यापक विरोध के कारण सरकार एनआरसी के मुद्दे पर हाशिए पर चली गई। केंद्र सरकार ने मंगलवार (24 दिसंबर) को घोषणा की है कि देश भर में राष्ट्रीय पॉपुलेशन रजिस्ट्रर (एनपीआर) की प्रक्रिया अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 के बीच पूरी कर ली जाएगी। उसने स्पष्ट रूप से कहा कि एनपीआर का राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन (एनआरसी) से कोई लेना-देना नहीं है।

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार एनपीआर के जरिए एनआरसी लागू करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, एनआरसी का आधार नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि एनपीआर केवल जनसंख्या गणना के लिए है ताकि सरकार लोगों के कल्याण के लिए नीति तैयार कर सके। सरकार ने बताया कि पहला एनपीआर 2010 में हुआ था जब यूपीए की सरकार थी। केंद्रीय कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने एनपीआर से जुड़े सवालों पर कहा है कि देश में एनपीआर की पहली कवायद तब हुई थी जब पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे।

लोकमत समाचार में छपी खबर एनपीआर को 2015 में अपडेट किया गया था। नरेंद्र मोदी सरकार ने 25 जून 2015 को विशेष अधिसूचना के जरिये यूपीए शासन के दौरान तैयार एनपीआर को अपडेट किया था। अपडेट एनपीआर को भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त (आरजीसीसीआई) की वेबसाइट पर अब तक अपलोड नहीं किया गया है। वजह यह है कि सरकार ने जुलाई 2015 में विशेष राजपत्र अधिसूचना के जरिये देशभर में एनपीआर आंकड़े के अपडेटेशन का आदेश दिया। इस प्रकार तकनीकी रूप से देखें तो यह देश में तीसरा एनपीआर होगा।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, मोदी सरकार एनपीआर में 21 डाटा एकत्रित करेगी। 2010 में एनपीआर की प्रक्रिया में 15 दस्तावेज मांगे गए थे। इस बार 13 पुराने दस्तावेज के साथ ही आधार सहित 8 नए दस्तावेज की जानकारी लोगों से ली जाएगी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि जनगणना के लिए कोई लंबा फार्म नहीं भरना होगा। यह स्वयं घोषित स्वरूप का होगा। इसके लिए किसी सबूत की जरूरत नहीं होगी और न ही कोई दस्तावेज देना होगा। इसके लिये एक मोबाइल एप भी बनाया गया है।

एनपीआर (2020) में एकत्र किए जाएंगे ये डाटा

1.नाम2.परिवार के मुखिया से संबंध3.लिंग4.जन्मतिथि5.वैवाहिक स्थिति6.शैक्षणिक योग्यता7.पेशा8.मां/पिता/पत्नी का नाम9.जन्मस्थान10.वर्तमान पता11.वर्तमान पते पर कब से रह रहे हैं12.राष्ट्रीयता13.स्थायी पता 

नए दस्तावेज14.आधार नंबर (स्वैछिक)15.मोबाइल नंबर16.माता-पिता का जन्मस्थान17.पिछला पता18.पासपोर्ट नंबर (अगर हो तो)19.पैन नंबर20.वोटर आईडी21.ड्राइविंग लाइसेंस नंबर

एनपीआर (2010) में ये डाटा किया गया था एकत्र1.नाम2.परिवार के मुखिया से संबंध3.पिता का नाम4.माता का नाम5.पत्नी का नाम ( अगर शादीशुदा हो)6.लिंग7.जन्मतिथि8.वैवाहिक स्थिति9.जन्मस्थान10.राष्ट्रीयता11.वर्तमान पता12.वर्तमान पते पर कब से रह रहे हैं13.स्थायी पता14.कार्य15.शैक्षणिक योग्यता

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