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नक्सल प्रभावित इलाकों में अब आधार कार्ड से लेकर आयुष्मान कार्ड तक सारी सुविधाएं उपलब्ध

By भाषा | Updated: September 1, 2021 19:14 IST

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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों के ग्रामीणों को अब स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाए गए विशेष शिविरों में आधार और राशन कार्ड पंजीकरण सहित कई बुनियादी सेवाएं आसानी से मिल रही हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग अपने गांवों से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए अपना पंजीकरण कराने के लिए आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ सूचना केंद्र की ओर से यहां जारी एक बयान में कहा गया है, "एक पहल के तहत जिला प्रशासन दूर-दराज के गांवों में सुविधा शिविरों के माध्यम से ग्रामीणों को एक ही स्थान पर सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है।" बयान में कहा गया कि इस शिविर के माध्यम से ग्रामीणों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, पेंशन पंजीकरण आदि का लाभ लेने की सुविधा दी गई है। नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के कलेक्टर विनीत नंदनवार ने कहा कि इन शिविरों को स्थानीय लोगों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, "सिल्गर गांव में आयोजित किए जा रहे एक शिविर ने अब तक 717 ग्रामीणों को आधार कार्ड, 287 को राशन कार्ड, 100 को आयुष्मान कार्ड और 31 को पेंशन (वृद्धावस्था, विकलांगता) सुविधा के लिए नामांकन करने में मदद की है।" उन्होंने बताया कि ग्रामीण इस तरह के और शिविरों की मांग के लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं। 2013 बैच के आईएएस अधिकारी नंदनवार ने कहा, "वे बाहर आकर इन शिविरों में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए अपना पंजीकरण करवाकर खुश हैं।" उन्होंने कहा कि ये शिविर ग्रामीणों में गांवों से बाहर निकलने और सरकारी उपायों का लाभ लेने के लिए विश्वास पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिविर में आने वाले स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए प्रशासन ने वाहनों और भोजन की व्यवस्था की है। इससे पहले गांव कांकेरलंका में भी ग्रामीणों के आधार, आयुष्मान व राशन कार्ड बनवाने के लिए शिविर लगाया गया था। नंदनवार ने कहा कि आने वाले दिनों में अन्य गांवों में भी शिविर आयोजित किए जाएंगे, ताकि जिले के अधिक से अधिक ग्रामीण लोगों को आसानी से आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड आदि मिल सकें और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकें। एक अन्य नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर के कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि इन एकीकृत विकास शिविरों में इन ग्रामीणों के लिए बहुत जरूरी कल्याणकारी उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, "सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि ग्रामीणों को उनके लिए किए गए कल्याणकारी उपायों का लाभ मिले। ये एकीकृत विकास शिविर उन्हें इस तरह के लाभ लेने में मदद करते हैं।" अग्रवाल ने कहा, इन शिविरों के माध्यम से प्रशासन 11,484 नए आधार कार्ड बनाने में सफल रहा, जबकि 11,000 आधार कार्ड अपडेट किए गए। उन्होंने कहा, "इन शिविरों को ग्रामीणों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। हम इन शिविरों को एक निश्चित कियोस्क या इकाई में परिवर्तित करके इसे एक स्थायी केंद्र बनाने की योजना बना रहे हैं, जहां लोग जाकर विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए खुद को पंजीकृत कर सकते हैं।" 2012 बैच के आईएएस अधिकारी अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के शिविर यह सुनिश्चित करेंगे कि सड़क, स्कूल और राशन केंद्र जैसी अन्य सुविधाएं इन क्षेत्रों तक पहुंचें।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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