Parliament Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दलों के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जब वोटिंग की बारी आई तो विपक्ष सदन में मौजूद ही नहीं था। पीएम मोदी के भाषण के बाद अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया। विपक्ष की अनुपस्थिति में ये प्रस्ताव ध्वनि मत से अस्वीकृत हो गया।
विपक्ष प्रधानमंत्री के भाषण के बीच में ही सदन से वाकआउट कर गया। प्रधानमंत्री ने मणिपुर मामले पर भी बोला लेकिन तब सदन में विपक्ष के सदस्य मौजूद नहीं थे। पीएम ने कहा कि मैं मणिपुर के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि ये देश और सदन आपके साथ है। मणिपुर फिर से विकास की राह पर चलेगा।
उन्होंने कहा, "मणिपुर को लेकर जो सदन में कहा गया उससे लोगों को बड़ी ठेस पहुंची हैं। सत्ता के बिना लोगों का ऐसा हाल हो जाता है। सत्ता के बिना लोग जी नहीं पाते हैं। पता नहीं क्यों कुछ लोग भारत माता की हत्या होती नजर आ रही है। ये वे लोग हैं जो कभी संविधान की हत्या की बात करते हैं। मणिपुर की स्थिति पर गृहमंत्री ने विस्तार से धैर्य से अपनी बात रखी। उन्होंने सारे विषय को विस्तार से समझाया। सरकार और देश की चिंता को सामने रखा। उसमें देश की जनता को जागरूक करने का प्रयास था।"
पीएम ने आगे कहा, "मणिपुर में अनेक गंभीर स्थिति बनीं। मणिपुर में हुए अपराध अक्षम्य हैं। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रयास कर रही है। पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह के प्रयास चल रहे हैं उससे निकट भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए नॉर्थ ईस्ट हमारे लिए बहुत खास है। आज मणिपुर की समस्या को ऐसे पेश किया जा रहा है जैसे बीते कुछ दिन में ही ये समस्या हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समस्या के लिए इसके लिए वहां के लोग जिम्मेदार नहीं है बल्कि इनकी राजनीति जिम्मेदार है।
कई महत्वपूर्ण बिलों पर विपक्ष की अनुपस्थिति पर तंज कसते हुए पीएम ने कहा, "कई ऐसे बिल थे जो गांव, गरीब, पिछड़ों, आदिवासी के कल्याण की चर्चा के लिए थे। उनके भविष्य से जुड़े हुए थे। लेकिन इसमें उनकी कोई रुचि नहीं थी। देश की जनता ने जिस काम के लिए उनको भेजा है, उस जनता के साथ भी उन्होंने विश्वासघात किया है। विपक्ष ने अपने आचरण से अपने व्यवहार से ये सिद्ध कर दिया है कि उनके लिए देश से बड़ा दल है। आपको गरीब की भूख की चिंता नहीं है बल्कि सत्ता की भूख आपके दिमाग में सवार है। आपको अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है।"