नई दिल्ली: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ओर से द्वारका एक्सप्रेसवे निर्माण में वित्तीय अनियमितता का जिक्र किए जाने के बाद से ही ये मामला चर्चा में है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि एक्सप्रेसवे बनाने पर 18.20 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर खर्च की मंजूरी दी गई। जबकि प्रति किलोमीटर एक्सप्रेसवे बनाने पर 251 करोड़ खर्च हो रहे हैं। इसके बाद से ही सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय विपक्ष के निशाने पर था।
अब सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जवाब देते हुए कहा है कि द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में कोई घोटाला नहीं हुआ बल्कि इसमें हमने सूझबूझ से पैसे बचाए हैं। नितिन गडकरी समाचार चैनल आजतक के एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे।
यहां उन्होंने कैग रिपोर्ट पर कहा, "द्वारका एक्सप्रेसवे पर घोटाले की बातें गलत हैं। द्वारका एक्सप्रेस वे पर 12 फीसदी पैसे बचाए गए हैं। इस रिपोर्ट का आकलन सही नहीं है। द्वारका एक्सवेसवे 29 किमी का है। हमने जो कैबिनेट नोट भेजा था उसमें लिखा था कि हम 5 हजार किमी टू लेन रोड बनाएंगे और उसकी कीमत 91 हजार करोड़ रुपए होगी। इसमें से फ्लाईओवर और रिंगरोड की कीमत इस्टीमेटेड डीपीआर बनने के बाद तय करने की बात हुई थी। समस्या यह है कि जिसे वह 29 किमी बोल रहे हैं, वह 230 किमी है।"
नितिन गडकरी ने आगे कहा, "इसमें कुल 6 टनल हैं और यह 563 किमी का रोड है। जो टेंडर निकाला गया था, वह 206 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर का था। हमने इस प्रोजेक्ट पर 12 फीसदी कम खर्च किया है। हमारे अधिकारियों ने यह बात सीएजी के सामने चर्चा में रखी थी। लेकिन हमसे गलती यह हो गई कि हमने यह बात लिखित में उन्हें नहीं दी।"
बता दें कि कैग रिपोर्ट के बाद से ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों बीजेपी पर हमलावर हैं। आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि हम जनता को दिखाना चाहते हैं कि जिस द्वारका एक्सप्रेसवे को 18 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की लागत से बनाने की मंजूरी मिली थी, वो बिना मंजूरी के 251 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की लागत से कैसे बना?
वहीं कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा है कि कैग एक देश विरोधी संस्था है। अंतरराष्ट्रीय साजिश का शिकार है। क्योंकि, इस संस्था ने पिछले दिनों में एक-दो नहीं बल्कि सात बड़े घोटालों का पर्दाफाश किया है। इसलिए, सीएजी पर फौरन ईडी का छापा पड़ना चाहिए।