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निर्भया को इंसाफः 22 जनवरी को सुबह सात बजे गुनहगारों को फांसी, तिहाड़ में तैयार किया जा रहा फंदा

By रामदीप मिश्रा | Updated: January 7, 2020 16:55 IST

साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। आरोपियों ने पीड़िता के साथ ना सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसे बेहद चोटें भी पहुंचाई थी।

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ठळक मुद्देदिल्ली की पटियाला हाउस कार्ट ने चार दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने की मांग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुनाया है। चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी। तिहाड़ में फांसी का फंदा तैयार किया जा रहा है।

दिल्ली की पटियाला हाउस कार्ट ने चार दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने की मांग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुनाया है। चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी। वहीं, बताया जा रहा है कि तिहाड़ में फांसी का फंदा तैयार किया जा रहा है। इस मामले पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं। चारों दोषियों ने सभी कानूनी विकल्पों को इस्तेमाल किया, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं दी गई। 

इससे पहले निर्भया गैंगरेप मामले में फांसी की सजा पाने वाले चार दोषियों में से एक के पिता की फांसी को टालने की कोशिश भी सोमवार को बेकार हो गई थी। पिछले एक महीने के दौरान तकरीबन तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और पटियाला हाउस कोर्ट से खारिज हो चुकी हैं।

दिल्ली की एक अदालत ने 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के एक दोषी के पिता की शिकायत को सोमवार को खारिज कर दिया था, जिसमें मामले के एकमात्र चश्मदीद के खिलाफ कथित रूप से धन लेकर कई समाचार चैनलों को इंटरव्यू देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गयी थी। 

घटना का एकमात्र चश्मदीद और 23 वर्षीय लड़की का साथी उस जघन्य अपराध वाले दिन लड़की के साथ बस में था और इस दौरान वह भी जख्मी हो गया था। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार सिरोही ने शिकायत को खारिज कर दिया था। उन्हें याचिका में प्राथमिकी दर्ज के लिए पुलिस को निर्देश देने की मांग में कोई पुख्ता आधार नजर नहीं आया था।

याचिका में आरोप लगाया गया था कि गवाह की गतिविधियों ने मामले को प्रभावित किया और नतीजतन इस मामले में मीडिया ट्रायल शुरू हो गया। पवन कुमार गुप्ता के पिता हीरा लाल गुप्ता की शिकायत में कुछ हालिया खबरों का जिक्र किया गया था, जिनमें आरोप लगाया गया था कि चश्मदीद ने कई समाचार चैनलों पर इंटरव्यू के लिए पैसे लिये थे। गुप्ता के वकील ए पी सिंह ने यह बात कही थी।

जानें निर्भया केस के बारे में 

साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। आरोपियों ने पीड़िता के साथ ना सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसे बेहद चोटें भी पहुंचाई थी। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई। इस घटना के विरोध में पूरे देश में उग्र व शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। इस केस में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें से 11 मार्च 2013 को राम सिंह नामक मुख्य आरोपी ने सुबह तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। एक और आरोपी नाबालिग था। जिसे कार्रवाई के बाद सुधार गृह में भेज दिया गया। इसके अलावा बाकी चारों आरोपी अक्षय कुमार सिंह, विनय शर्मा, मुकेश और पवन गुप्ता चारों ही तिहाड़ जेल में बंद हैं। इन चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।

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