नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। एनआईए ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग की थी, जिसे पहले आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया था।
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच सोमवार को एनआईए की याचिका पर सुनवाई करेगी। मई 2022 में यासीन मलिक जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख को दिल्ली की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और एक आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था।
यासीन ने आरोपों का विरोध नहीं करने का फैसला किया और इसके बजाय दोषी ठहराया। जिन अन्य पर आरोप लगाए गए उनमें हाफिज मुहम्मद सईद, शब्बीर अहमद शाह, हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सलाहुद्दीन, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद शाह वटाली, शाहिद-उल-इस्लाम, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान और फारूक अहमद डार शामिल थे।
यह मामला कथित आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों से जुड़ा था, जिसने 2017 में कश्मीर घाटी को अशांत कर दिया था। उसे एनआईए ने 2019 में एक मामले में गिरफ्तार किया था।