शिमला, नौ मार्च राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने हिमाचल प्रदेश के उना जिले में स्वान नदी में कथित रूप से हो रहे अवैध खनन के संबंध में स्वतंत्र रिपोर्ट देने के वास्ते पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जसबीर सिंह की अगुवाई में पांच सदस्यीय स्वतंत्र समिति बनायी है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालयों, केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण अनुसंधान संस्थान, देहरादून , हिमालय वन अनुसंधान संस्थान, शिमला के प्रतिनिधि समिति के अन्य सदस्य बनाये गये हैं। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी (चंडीगढ़) उसके नोडल एजेंसी होंगे।
अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल, सदस्य न्यायमूर्ति शिव कुमार सिंह और डॉ. नागिन नंदा की तीन सदस्यीय पीठ ने अमनदीप नामक एक याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए दो मार्च को इस समिति के गठन का आदेश जारी किया था।
अमनदीप ने 20 फरवरी को अधिकरण में आवेदन दिया था और आरोप लगाया था कि खनन लाईसेंस की आड़ में बालू माफिया अवैज्ञानिक तरीके से स्वान नदी से बालू एवं अन्य सामग्री उठा रहे हैं तथा नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि यह सब स्थानीय जिला जिला प्रशसन के नाक के नीचे हो रहा है तथा नदी के लिए ऐसे में खतरा पैदा हो रहा है।
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