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नई शिक्षा नीति: स्कूली शिक्षा में पूरी तरह से खत्म होगा 10+2?, जानें 5+3+3+4 फॉर्मेट की नई शिक्षा व्यवस्था

By अनुराग आनंद | Updated: July 29, 2020 18:43 IST

नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में कला, वाणिज्य, विज्ञान स्ट्रीम का कोई कठोर पालन नहीं होगा, छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें, वो ले सकते हैं।

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ठळक मुद्देअब 4 साल के डिग्री प्रोग्राम फिर एमए के बाद छात्र MPhill किए बिना ही सीधा पीएचडी कर सकेंगे। एक विषय की पढ़ाई को कुछ समय के लिए स्थगित कर छात्र किसी दूसरे विषय में एडमिशन ले सकेंगे।केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया है।

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले 34 सालों से चली आ रही शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। अब मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है।  इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। 

आपको बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया है।यदि अब आप सोच रहे हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है? तो यह समझ लें कि यह सच है। दरअसल, केंद्र सरकार ने स्कूली शिक्षा मतलब कि प्री-नर्सरी से  लेकर 12वीं तक में बड़ा बदलाव किया है। 

इसके तहत सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को कुल चार हिस्से में बांट दिया है। इन चार हिस्सों को  5+3+3+4 फार्मेट में ढाला गया है।

इसका मतलब है कि अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल (प्री-नर्सरी, नर्सरी, एलकेजी)  और कक्षा 1 और कक्षा 2 शामिल होंगे।  इसे फाउंडेशन स्टेज कहा जाएगा। फिर अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की पढ़ाई होगी। 

इसके बाद में अगले तीन साल मध्य चरण (कक्षा 6 से 8) और माध्यमिक अवस्था के चार वर्ष (कक्षा 9 से 12)। 

इसके अलावा स्कूलों में कला, वाणिज्य, विज्ञान स्ट्रीम का कोई कठोर पालन नहीं होगा, छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें, वो ले सकते हैं।

जानें नई शिक्षा नीति से जुड़ी अहम बातें-

- मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है। 

- केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एमफिल पाठ्यक्रमों को बंद किया जाएगा

- बोर्ड परीक्षाओं के लिए कई प्रस्ताव नई एजुकेशन पॉलिसी में है। बोर्ड परीक्षाओं के महत्व के कम किया जाएगा। इसमें वास्तविक ज्ञान की परख की जाएगी। 5 कक्षा तक मातृभाषा को निर्देशों का माध्यम बनाया जाएगा। रिपोर्ट कार्ड में सब चीजों की जानकारी होगी।

- अभी हमारे यहां डीम्ड यूनविर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और स्टैंडअलोन इंस्टिट्यूशंस के लिए अलग-अलग नियम हैं। नई एजुकेशन पॉलिसी के तहते सभी के लिए नियम समान होगा। 

- देश में 45,000 कॉलेज हैं। ग्रेडेड अटॉनमी के तहत कॉलेजों को  एडमिनिस्ट्रेटिव, अकैडमिक और फाइनैंशल अटॉनमी दी जाएगी। 

टॅग्स :नई शिक्षा नीतिशिक्षा मंत्रालयएजुकेशनइंडियानरेंद्र मोदीरमेश पोखरियाल निशंकप्रकाश जावड़ेकर
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