New Delhi Railway Station Stampede Updates: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में जान गंवाने वाले 18 लोगों में से पांच की मौत दम घुटने से हुई। राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने रविवार को यह जानकारी दी। अस्पताल ने कहा कि एलएनजेपी द्वारा शवों को आरएमएल अस्पताल को सौंप दिया गया जहां उनका पोस्टमार्टम किया गया। एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया, "आरएमएल अस्पताल में कोई घायल नहीं लाया गया। हमें एलएनजेपी से पोस्टमार्टम के लिए पांच शव मिले। उनमें से चार महिलाएं और एक पुरुष था।"
रेलवे स्टेशन पर रात में मची भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि यह घटना तब हुई जब कुछ यात्री पैदल पार पथ से उतरते समय फिसलकर दूसरों पर गिर गए। रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे।
उस समय प्लेटफार्म संख्या 14 और 15 पर प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में जाने के लिए यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ी थी। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि घटना के समय पटना जाने वाली मगध एक्सप्रेस प्लेटफार्म संख्या 14 पर खड़ी थी और नयी दिल्ली-जम्मू उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफार्म संख्या 15 पर खड़ी थी।
उन्होंने भगदड़ का कारण बताते हुए कहा, "कुछ लोग सीढ़ियों का उपयोग कर पैदल पार पथ से प्लेटफॉर्म संख्या 14 और 15 की ओर उतर रहे थे, वे फिसल गए और दूसरों पर गिर गए।" कुछ सूत्रों ने कहा कि ट्रेनों के प्रस्थान में देरी और हर घंटे 1,500 जनरल टिकटों की बिक्री के कारण स्टेशन पर अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गई।
जबकि अन्य सूत्रों ने कहा कि प्लेटफॉर्म बदलने के बारे में गलत घोषणा के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हुई, जिसके कारण भगदड़ मची। रेलवे ने दो उच्च प्रशासनिक अधिकारियों के नामों की घोषणा की है, जो भगदड़ की जांच के लिए गठित जांच समिति का हिस्सा होंगे। रेलवे ने कहा कि नरसिंह देव, प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक, उत्तर रेलवे और पंकज गंगवार, प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, उत्तर रेलवे समिति के सदस्य हैं। समिति ने जांच शुरू की है और नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के सभी वीडियो फुटेज सुरक्षित करने के आदेश दिए हैं।
भगदड़ के बाद रेलवे ने शनिवार को जांच के आदेश दिए थे। रेलवे ने कहा कि घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को एक-एक लाख रुपये मिलेंगे। दिल्ली पुलिस ने 18 मृतकों की सूची जारी की और भगदड़ की जांच शुरू की।
एक पुलिस सूत्र ने कहा, "हमारा मुख्य लक्ष्य भगदड़ के मुख्य कारण की जांच करना है। हम सीसीटीवी फुटेज और उस दौरान की गई घोषणाओं का सारा डेटा एकत्र करेंगे।" अस्पताल सूत्रों ने बताया कि सभी मृतकों के शव रविवार सुबह नौ बजे तक उनके परिजनों को सौंप दिए गए। कुछ सूत्रों ने बताया कि अधिकांश परिवार के सदस्य अपने प्रियजनों के शवों को पोस्टमार्टम कराए बिना ही ले गए।
दिल्ली भगदड़ : बिहार के एक परिवार ने 11 वर्षीय बच्ची समेत तीन लोगों को खोया
बिहार के मुजफ्फरपुर की सुनैना देवी को दिल्ली में अपनी बहू की चीख याद है, जिसे उन्होंने यह जानने के लिए फोन किया था कि क्या उनकी 11 साल की पोती सुरुचि प्रयागराज चली गई है। बहादुरपुर गांव की निवासी सुनैना ने बताया, "मेरी बहू के माता-पिता समस्तीपुर में रहते थे। वे हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ में शामिल होने के लिए दिल्ली गए थे, ताकि परिवार के अन्य सदस्यों के साथ वहां जा सकें।"
सुनैना ने बताया कि बहू की चीख के बाद फोन कट गया और मैं किसी अनहोनी की आशंका में डूब गई। सुनैना देवी के पति नरेश साह ने बताया, "मैं एक दिहाड़ी मजदूर हूं। दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद मैं कल रात करीब 10 बजे घर पहुंचा। मैंने देखा कि मेरी पत्नी रो रही थी और कुछ बोल रही थी।
मैं बस इतना समझ पाया कि मेरे बेटे और बहू के साथ कुछ बहुत बुरा हुआ है इसलिए मैंने अपने बेटे मनोज से संपर्क करने की कोशिश की, जिससे मैं आधी रात के आसपास संपर्क कर पाया। उसने हमें बताया कि सुरुचि और उसके नाना-नानी सभी भगदड़ में कुचलकर मर गए हैं।"