लखनऊ:उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिला अंतर्गत हजारा इलाके से सटे भारत व नेपाल सीमा के बीच नो मैन्स लैंड (विवादित क्षेत्र) में नेपाल सड़क बना रहा था। सूचना मिलते ही यूपी में योगी प्रशासन के अधिकारी अलर्ट मोड में आ गए। इसके बाद पीलीभीत जिला के डीएम वैभव श्रीवास्तव मौके पर जायजा लेने के लिए पहुंचे।
एएनआई की मानें तो डीएम वैभव श्रीवास्तव ने मौके पर चल रहे सड़क निर्माण कार्य को रोकने के लिए कहा और इसके बाद नेपाल के अधिकारियों से बात हुई। बातचीत के बाद डीएम वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि नेपाल के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस क्षेत्र में अभी कोई निर्माण कार्य नहीं होगा।
इसके साथ ही वैभव श्रीवास्तव ने यह भी कहा है कि दोनों देशों की सर्वे टीम क्षेत्र में सर्वे करेंगे। एक बार सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर लेने केबाद सीमा पर चिन्हित बॉर्डर पिलर का निर्माण भी जल्द किया जाएगा।
नेपाल ने बिहार में पड़ने वाले सीमा पर भी 12 जगह नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण किया-
बता दें कि एसएसबी ने पिछले दिनों मीडिया से बताया कि गंडक नदी के कटाव के कारण सुस्ता सहित कुछ स्थानों पर भूमि को लेकर विवाद है। ऐसे में नेपाल का एक दर्जन से अधिक जगहाें पर नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण है। विवाद सुलझाने के प्रयास जारी हैं।
भारत की ओर से भी सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। 1,751 किमी लंबी भारत-नेपाल सीमा पर 8,000 पिलर हैं। इनमें से 1,240 गुम हैं। 2,500 पिलर नए सिरे से लगेंगे। पिलर गुम होने से पैट्रोलिंग में परेशानी आ रही है।
नेपाल ने गंडक नदी पर किया पुल निर्माण शुरू-
नेपाल पिछले कुछ माह से भारतीय सीमा पर काफी उग्र दिख रहा है। यही वजह है कि उसने नो मेंस लैंड वाले विवादित हिस्से में न सिर्फ सड़क बनाना शुरू कर दिया है बल्कि नदियों पर पुल भी बना रहा है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, नेपाल ने गंडक नदी के इस पार सुस्ता गांव में पुल निर्माण शुरू किया। भारत ने आपत्ति जताई तो निर्माण बीच में ही रोकना पड़ा।
इसके अलावा, जून के शुरू में वाल्मीकिनगर में त्रिवेणी घाट के पास बांध मरम्मत का नेपाल ने विरोध किया। भारत के कड़े रुख और एसएसबी के दखल से मामला शांत है। लेकिन स्लुइस गेट का निर्माण ठप है।