NEET-UG paper leak case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को नीट-यूजी परीक्षा 2024 के पेपर लीक से जुड़े मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी बिहार के पटना के रहने वाले हैं। उनकी पहचान मनीष कुमार और आशुतोष कुमार के रूप में हुई। हालांकि, यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब एक दिन पहले ही इस केस में क्रिमिनल केस रजिस्टर्ड किया था।
फिलहाल सीबीआई टीम पटना में स्थित सीबीआई दफ्तर में पेपर लीक से जुड़े आरोपी बलदेव कुमार उर्फ चिंटू और मुकेश कुमार को लेकर पहुंची। गौर करने वाली बात ये है कि बुधवार को सीबीआई से जुड़ी स्पेशल कोर्ट ने पटना में दोनों को सीबीआई रिमांड के लिए भेज दिया था। पेपर लीक मामले में एक बड़ा अपडेट आया है कि महाराष्ट्र सरकार ने नीट घोटाले से जुड़ी सभी जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है।
वहीं, रविवार को नेशनल टेस्ट एजेंसी ने पटना में कारण-बताओ नोटिस जारी करते हुए 17 कैंडिडेट को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए अलर्ट किया। गौरतलब है कि इस बर्खास्तगी का आधार वही था, जिसे केंद्र सरकार को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराधिक शाखा ने भेजे थे।
बिहार और गुजरात सरकार का फैसला गुजरात सरकार ने एक बयान में कहा, 'सीबीआई के क्रिमिनल केस रजिस्टर्ड करने के बाद बिहार और गुजरात सरकार ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले को केंद्र एजेंसी को ट्रांसफर के लिए नोटिस जारी की थी। इस परीक्षा में हुए कदाचार को लेकर गोधरा तालुका पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है ताकि पूरे मामले की व्यापक जांच हो सके'।
शनिवार को, शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया गया, जिसे इसरो के पूर्व चैयरमेन के राधाकृष्णन इस परीक्षा में हुई गड़बड़ी और पेपर लीक के बार में देखेंगे। इसके साथ एनटीए से जुड़ी गतिविधि को भी रिव्यू करेंगे। मंत्रालय ने एनटीए चीफ को शनिवार को ही सुबोध कुमार सिंह को भी अपने पद से हटा दिया था।