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NCRB Report: अपराध मामले में कोलकाता देश में सबसे ज्यादा सुरक्षित, विशेषज्ञों का आरोप- डेटा छुपा रही राज्य सरकार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 31, 2022 08:08 IST

ऐसे में एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट को लेकर कुछ विशेषज्ञों ने इस पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि ये आंकड़े देखने में अजीब लगते है और ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ने कुछ तथ्यों को छुपाया है।

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ठळक मुद्देएनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट में कोलकाता सबसे आगे है। रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता में प्रति लाख आबादी पर सबसे कम संज्ञेय अपराध दर्ज हुए है। इस रिपोर्ट ने कोलकाता को देश का सबसे सुरक्षित शहर बना दिया है।

कोलकाता: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार कोलकाता में प्रति लाख आबादी पर सबसे कम संज्ञेय अपराध दर्ज होने के साथ यह 2021 में देश का सबसे सुरक्षित शहर बन गया है। ऐसे में कुछ विशेषज्ञों ने इस रिपोर्ट को अजीब माना और कहा है कि इसे देख ऐसा लगता है कि कुछ तथ्यों को छुपाया गया है। 

उन्होंने इस डेटा के वास्तविक होने पर भी सवाल उठाया और राज्य सरकार पर आरोप भी लगाए है। 

एनसीआरबी रिपोर्ट- सबसे आगे कोलकाता फिर पुणे

आंकड़ों के अनुसार कोलकाता में संज्ञेय अपराधों की संख्या के मामले में स्कोर 103.4 प्रति एक लाख आबादी है और यह शहर पुणे से काफी आगे है जहां यह आंकड़ा 256.8, वहीं तीसरे स्थान पर हैदराबाद में यह आंकड़ा 259.9 है। 

सूची में शामिल अन्य शहरों में कानपुर (336.5), बेंगलुरु (427.2) और मुंबई (428.4) हैं। आपको बता गें कि इससे पहले एनसीआरबी की 2020 की रिपोर्ट में कोलकाता का स्कोर 129.5 था। 

अपराध के मामले कम होने पर विशेषज्ञों ने लगाया यह आरोप

रिपोर्ट के अनुसार इस शहर में भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज मामलों की दर 2021 में 92.6 थी जो पिछले साल 109.9 हो गई। हालांकि विशेषज्ञों ने रिपोर्ट में कोलकाता में अपराध के मामले कम होने की बात पर आशंका प्रकट की है। 

जादवपुर विश्वविद्यालय में धर्म और समाज अध्ययन केंद्र की समन्वयक तथा समाजशास्त्र विभाग की पूर्व प्रमुख रूबी साईं ने कहा, ‘‘यह आंकड़ा थोड़ा अजीब लगता है। राज्य सरकार की ओर से तथ्यों को छिपाये जाने की बात स्पष्ट है।’’ 

कोलकाता में अधिकतर आपराधिक गतिविधियां नहीं होती है दर्ज- विशेषज्ञ

इस पूरे मामले में साईं का कहन है, ‘‘कोलकाता में अधिकतर आपराधिक गतिविधियां दर्ज ही नहीं हो रहीं और मुझे विश्वास है कि अधिकारियों ने जो आंकड़े दिए, वे वास्तविक नहीं हैं।’’ आपको बता दें कि एनसीआरबी रिपोर्ट पर प्रेसीडेंसी कॉलेज में समाजशास्त्र के एमेरिटस प्रोफेसर प्रशांत रे ने भी साईं की तरह मत रखा है और यही बात कही है। 

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