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NCRB Data: दंगों के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में, कोलकाता सबसे सुरक्षित शहर, हत्या के मामले में यूपी सबसे ऊपर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 05, 2023 5:49 PM

भारत में 2022 में दंगों के सबसे अधिक 8,218 मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

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ठळक मुद्देएनसीआरबी ने 'भारत में अपराध 2022' रिपोर्ट जारी की2022 में दंगों के सबसे अधिक 8,218 मामले महाराष्ट्र में दर्जकोलकाता लगातार तीसरे साल भारत में सबसे सुरक्षित शहर बनकर उभरा

NCRB Data: भारत में 2022 में दंगों के सबसे अधिक 8,218 मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी ने सोमवार को 'भारत में अपराध 2022' रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत आपराधिक मामले दर्ज करने में महाराष्ट्र (उत्तर प्रदेश के बाद) दूसरे स्थान पर रहा।

आंकड़ों से यह भी पता चला कि महाराष्ट्र 2022 में 2,295 हत्याओं के साथ उत्तर प्रदेश तथा बिहार के बाद हत्या के मामलों में तीसरे स्थान पर और राजस्थान, मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के बाद बलात्कार के मामलों में चौथे स्थान पर रहा। महाराष्ट्र में बलात्कार के 2,904 मामले दर्ज किए गए।

रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में 2022 में (आईपीसी की धाराओं के तहत) कुल 3,74,038 आपराधिक मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में 3,67,218 और 2020 में 3,94,017 मामले दर्ज किए गए थे। पिछले साल महाराष्ट्र में दंगों के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जिससे राज्य इस श्रेणी में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये मामले आईपीसी की धारा 147 से 151 (दंगा और गैरकानूनी सभा से संबंधित) के तहत दर्ज किए गए थे। आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र में दंगों के कुल 8,218 मामले दर्ज किए गए। 

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि  कोलकाता लगातार तीसरे साल भारत में सबसे सुरक्षित शहर बनकर उभरा है। महानगरों में प्रति लाख आबादी पर दर्ज संज्ञेय अपराध के सबसे कम मामले कोलकाता में आए। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, कोलकाता में 2022 में प्रति लाख लोगों पर संज्ञेय अपराध के 86.5 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद पुणे (280.7) और हैदराबाद (299.2) का स्थान रहा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में नाबालिगों के अपहरण की घटनाओं में दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है और जिन किशोरों का अपहरण किया गया उनमें अधिकतर पीड़ित 12-18 आयु वर्ग के हैं। हाल में जारी एनसीआरबी के 2022 के आकंड़ों के अनुसार इस वर्ष 12-18 आयु वर्ग की अपहरण की गईं लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में दोगुनी से अधिक रही। 

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