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नेकां, पीडीपी, कांग्रेस बोली, पार्टी में विचार-विमर्श के बाद बैठक में भाग लेने पर फैसला करेंगे

By भाषा | Updated: June 19, 2021 22:26 IST

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श्रीनगर/जम्मू, 19 जून नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस और माकपा ने शनिवार को कहा कि वे अपने-अपने दलों के भीतर विचार-विमर्श के बाद दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ बैठक में शामिल होने के बारे में फैसला करेंगे।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के वास्ते भविष्य के कदम पर चर्चा करने के लिए 24 जून को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं को आमंत्रित किया गया है।

यह बैठक, केंद्र सरकार द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने और इसको दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा के बाद से इस तरह की पहली कवायद है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेताओं के भाग लेने की संभावना है।

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि पीडीपी जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों को बातचीत के लिए केंद्र सरकार के निमंत्रण पर चर्चा करने के लिए रविवार को बैठक करेगी।

महबूबा ने पीटीआई-भाषा से कहा, "नयी दिल्ली के साथ बातचीत को लेकर कोई स्पष्ट एजेंडा नहीं है। हालांकि, मैंने अपनी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से इस पर चर्चा करने के लिए बैठक करने को कहा है।"

पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर की अंतिम मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वार्ता में भाग लेने का निर्णय पार्टी द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने 2016 से 2018 तक भाजपा के साथ मिलकर बनाई गई गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था।

महबूबा ने कहा, "बैठक का कोई एजेंडा नहीं है लेकिन मुझे बताया गया कि बैठक सामान्य स्थिति की समीक्षा करने और राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए बुलाई जा रही है। कोई स्पष्ट एजेंडा नहीं है।"

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के एक नेता ने पीटीआई-भाषा को बताया, "पार्टी अध्यक्ष (फारूक अब्दुल्ला) को आज दिल्ली से एक फोन आया, जिसमें उन्हें 24 जून को प्रधानमंत्री के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया गया।"

उन्होंने कहा कि पार्टी अगले कुछ दिनों में बैठक के आमंत्रण को लेकर बैठक करेगी और चर्चा करेगी।

उन्होंने कहा, "बैठक में भाग लेना है या नहीं, यह चर्चा का विषय है। पार्टी नेतृत्व जल्द ही बैठक करेगा और इस मुद्दे पर चर्चा करेगा। लेकिन, कम से कम, अब दिल्ली में भी इसका अहसास हो रहा है और यह बैठक अच्छी बात है। जम्मू-कश्मीर में संवाद और लोकतंत्र साथ-साथ चलते हैं।”

नेकां नेता ने यह भी कहा कि पार्टी की बैठक के बाद, इस मुद्दे पर चर्चा के लिए गुपकर गठबंधन (पीएजीडी) की बैठक होने की संभावना है।

पीएजीडी जम्मू-कश्मीर के कुछ दलों का गठबंधन है, जिसमें नेकां और पीडीपी शामिल हैं, जो केंद्र सरकार के अगस्त 2019 के फैसलों के बाद बनाया गया था।

जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने कहा कि उसके प्रमुख जी ए मीर को भी बैठक का निमंत्रण मिला है।

शर्मा ने कहा, "पार्टी कुछ दिनों में वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श करने के बाद बैठक में भागीदारी के मुद्दे पर फैसला करेगी।"

हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कदम उठाया जाता है तो उसका स्वागत है क्योंकि हितधारकों के साथ बातचीत ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।

एक अन्य आमंत्रित नेता, माकपा के वरिष्ठ नेता एम वाई तारिगामी ने कहा कि वह इस पर अंतिम निर्णय लेने से पहले अपनी पार्टी के साथ बैठक में भाग लेने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

माकपा नेता और गुपकर गठबंधन के प्रवक्ता तारिगामी ने कहा कि बैठक 24 जून को दोपहर तीन बजे निर्धारित है।

अधिकारियों के मुताबिक, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इन नेताओं को बैठक में आमंत्रित करने के लिए उनसे संपर्क किया।

आमंत्रित लोगों में चार पूर्व मुख्यमंत्री- नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।

पूर्ववर्ती राज्य के चार पूर्व उपमुख्यमंत्रियों - कांग्रेस नेता तारा चंद, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता मुजफ्फर हुसैन बेग और भाजपा नेता निर्मल सिंह तथा कवींदर गुप्ता को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है।

इसके अलावा माकपा नेता मोहम्मद युसूफ तारिगामी, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के प्रमुख अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रमुख जी ए मीर, भाजपा के रविंदर रैना और पैंथर्स पार्टी के नेता भीम सिंह को भी बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है।

भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रैना ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि बैठक में आमंत्रित सभी नेता "महत्वपूर्ण" विचार-विमर्श में भाग लेंगे।

उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुखों की इच्छा के अनुसार प्रधानमंत्री ने यह बैठक बुलाई है जो उनसे समय मांग रहे हैं और लंबे समय से इस तरह की बैठक की मांग कर रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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