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पीएम मोदी ने FAO की 75वीं वर्षगांठ पर 75 रुपये का स्मारक सिक्का किया जारी, जानें इस दौरान प्रधानमंत्री ने क्या कहा

By भाषा | Updated: October 16, 2020 16:44 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) को 2020 के नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजे जाने का जिक्र करते हुए इसमें भारत के योगदान का उल्लेख किया।

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ठळक मुद्देप्रधानमंत्री ने विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) को 2020 के नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजे जाने का जिक्र करते हुए इसमें भारत के योगदान का उल्लेख किया।देश में ऐसी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसमें पौष्टिक पदार्थ- जैसे प्रोटीन, आयरन, जिंक इत्यादि ज्यादा होते हैं।

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ( फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन) की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुक्रवार को 75 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया। साथ ही उन्होंने हाल ही में विकसित की गई आठ फसलों की 17 जैव संवर्धित किस्मों को भी राष्ट्र को समर्पित किया।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत के किसान, कृषि वैज्ञानिक, आंगनबाड़ी-आशा कार्यकर्ता, कुपोषण के खिलाफ आंदोलन का आधार हैं। इन्होंने अपने परिश्रम से जहां भारत का अन्न भंडार भर रखा है, वहीं दूर-सुदूर, गरीब से गरीब तक पहुंचने में ये सरकार की मदद भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी के प्रयासों से ही भारत, कोरोना के इस संकटकाल में भी कुपोषण के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) को 2020 के नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजे जाने का जिक्र करते हुए इसमें भारत के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने इसमें भारत के प्रशासनिक सेवा अधिकारी बिनय रंजन सेन की भूमिका से सबको अवगत कराया। सेन ने एफओए के महानिदेशक के रूप में 1956 से 1967 तक काम किया था।

सेन के कार्यकाल के दौरान ही विश्व खाद्य कार्यक्रम की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘एफएओ के विश्व खाद्य कार्यक्रम को इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार मिलना भी एक बड़ी उपलब्धि है और भारत को खुशी है कि इसमें भी हमारी साझेदारी और हमारा जुड़ाव ऐतिहासिक रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुपोषण से निपटने के लिए एक और महत्वपूर्ण दिशा में काम हो रहा है। देश में ऐसी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसमें पौष्टिक पदार्थ- जैसे प्रोटीन, आयरन, जिंक इत्यादि ज्यादा होते हैं। यह कार्यक्रम सरकार द्वारा कृषि और पोषण क्षेत्र को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता को समर्पित है और साथ ही भूख, अल्पपोषण और कुपोषण को पूरी तरह से खत्म करने के सरकार के संकल्प को परिलक्षित करता है।

इस कार्यक्रम में देश भर के आंगनवाड़ी, कृषि विज्ञान केंद्र और जैविक व बागवानी अभियान से जुड़े लोग भी शामिल हुए। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

उल्लेखनीय है कि एफएओ का लक्ष्य लोगों को पर्याप्‍त मात्रा में अच्छी गुणवत्‍ता वाला भोजन नियमित रूप से सुनिश्चित करना है ताकि वे सक्रिय और स्‍वस्‍थ रहें। एफएओ का कार्य पोषण का स्‍तर उठाना, ग्रामीण जनसंख्‍या का जीवन बेहतर करना और विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था की वृद्धि में योगदान करना है। 

टॅग्स :नरेंद्र मोदीफूडइंडिया
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