नरेंद्र मोदी सरकार अरुणाचल प्रदेश में विदेशी सैलानियों के आगमन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में प्रवेश की शर्तों में ढील देने पर विचार कर रही है। अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश "प्रोटेक्टेट एरिया परमिट रेजिम" के तहत ही प्रवेश की इजाजत मिलती है। पूर्वोत्तर भारत के कुछ राज्यों में इस नियम के तहत ही प्रवेश की इजाजत दी जाती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार अरुणाचल प्रदेश के बाद अन्य राज्यों में भी ऐसी ढील दे सकती है। चीन अरुणाचल प्रदेश को लेकर विवाद करता रहा है। ऐसे में भारत सरकार की ये पहल इस दिशा में बड़ा कदम हो सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार पर्यटन क्षेत्र में अंतर-मंत्रालयी संयोजन समिति की बैठक में सरकार ने फैसला लिया कि अरुणाचल प्रदेश आने वाले सैलानियों को अब पाँच साल के लिए वैध इनर-लाइन परमिट और प्रोटेक्टेड एरिया परमिट मिल सकेगा। पहले ये परमिट केवल दो साल के लिए मिलते थे। रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार का पर्यटन मंत्रालय अरुणाचल प्रदेश की तवांग घाटी, जाइरो और बोमडिला इत्यादि में विदेसी सैलानियों की आमद को बढ़ावा देना चाहता है। ये इलाके अरुणाचल प्रदेश के सबसे खूबसूरत इलाके माने जाते हैं। भारतीय पर्यटन मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय रूप से संवेदनशील इन इलाकों में विदेशियों की उपस्थिति के प्रति सजग रहता है इसलिए अभी तक इन इलाकों में बाहरी लोगों के आगमन पर कड़ा रुख रहता था। पर्यटन मंत्रालय धीरे-धीरे इन इलाकों को पर्यटकों के लिए खोलेगा।
भारत के गृह मंत्रालय द्वारा अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश के नियमों में प्रस्तावित ढील का स्वागत करते हुए केंद्रीय पर्यटन मंत्री केजे अल्फोंस ने कहा कि उन्होंने दो साल पहले ही गृह मंत्रालय से इस बाबत माँग की थी ताकि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके और लोग सूबे के अनदेखे इलाकों की भी सैर कर सकें। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खाण्डू ने ट्वीट करके केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। सीएम खाण्डू ने अरुणाचल प्रदेश की तवांग घाटी के दर्शनीय स्थल का एक वीडियो भी ट्वीट किया। अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न स्थानीय धर्मों और संस्कृतियों के साथ ही बौद्ध धर्म से जुड़े की प्रमुख मंदिर हैं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने रविवार (25 मार्च) को टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार से कहा कि केंद्र सरकार नियमों में ढील देने के बाबत पूर्वोत्तर के राज्यों के सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर विचार कर रही है। केंद्रीय मंत्री रिजीजू ने कहा कि राज्यों से पूछा जाएगा कि वो विदेशी सैलानियों के पंजीकरण की व्यवस्था कैसे करना चाहते हैं और साथ ही राज्यों में आने वाले विदेशियों की गतिविधियों पर कैसे निगरानी रखी जाएगी इस पर विचार किया जाएगा।