प्याज की कीमतों पर बरस रही 'आग' को देखकर मोदी सरकार ने उठाया कदम, 2020 में एक लाख टन का बनाएगी बफर स्टॉक
By भाषा | Updated: December 30, 2019 18:41 IST2019-12-30T18:41:09+5:302019-12-30T18:41:09+5:30
प्याज के दाम अभी भी ज्यादातर शहरों में 100 रुपये किलो से ऊपर चल रहे हैं। परिणामस्वरूप, सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र की एमएमटीसी के जरिये प्याज आयात के लिये विवश होना पड़ा है।

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केंद्र ने अगले साल प्याज का एक लाख टन का बफर स्टॉक बनाने का निर्णय किया है। हाल में प्याज के दाम में उछाल तथा आगे ऐसी स्थिति से बचने के लिये यह कदम उठाया जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह कहा। सरकार ने चालू वर्ष में प्याज का 56,000 टन का बफर स्टॉक तैयार किया था लेकिन यह बढ़ती कीमत को थामने में नाकाम रहा।
प्याज के दाम अभी भी ज्यादातर शहरों में 100 रुपये किलो से ऊपर चल रहे हैं। परिणामस्वरूप, सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र की एमएमटीसी के जरिये प्याज आयात के लिये विवश होना पड़ा है। अधिकारी ने कहा, ‘‘गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हाल में मंत्री समूह की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। यह निर्णय किया गया है कि अगले साल के लिये करीब एक लाख टन का बफर स्टॉक सृजित किया जाएगा।’’
सरकार की तरफ से बफर स्टॉक रखने वाली संस्था नाफेड (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन परिसंघ) अगले साल यह जिम्मेदारी निभाएगा। नाफेड मार्च-जुलाई के दौरान रबी मौसम में उत्पादित होने वाले प्याज की खरीदारी करेगा। इस प्याज का जीवनकाल अधिक होता है।
खरीफ मौसम में उत्पादक क्षेत्रों में देर तक मानसूनी बारिश और बाद में बेमौसम भारी बारिश के कारण इस साल प्याज के उत्पादन में 26 प्रतिशत गिरावट आयी है। इसका असर कीमत पर पड़ा है। सरकार ने प्याज के दाम में तेजी पर अंकुश लगाने के लिये कई कदम उठायें हैं। इसमें निर्यात पर पाबंदी, व्यापारियों पर भंडार सीमा के अलावा बफर स्टॉक और आयात के जरिये सस्ती दर पर प्याज की बिक्री शामिल हैं।
सरकार के पास जो बफर स्टॉक था, वह समाप्त हो चुका हैं। सस्ती दर पर ग्राहकों को उपलब्ध कराने के लिये अब आयातित प्याज की बिक्री की जा रही है। भाषा रमण महाबीर महाबीर