सूरत की एक कोर्ट ने आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं को बलात्कार मामले में मंगलवार (30 अप्रैल) को सजा सुनाया है। कोर्ट ने दो बहनों के साथ बलात्कार के मामले पर नारायण साईं को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही नारायण साईं पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है।
इससे पहले नारायण साईं को सेशन कोर्ट ने सूरत की दो बहनों के साथ बलात्कार के मामले में नारायण साईं को दोषी ठहराया था। दो बहनों में छोटी बहन ने नारायण साईं पर जबकि बड़ी बहन ने आसाराम बापू पर रेप का आरोप लगाया था।
बता दें कि पुलिस ने इस मामले में नारायण साईं के खिलाफ 53 गवाहों को पेश किया था। नारायण साईं को एफआईआर दर्ज के बाद 2013 में दिल्ली-हरियाण बॉर्डर पर गिरफ्तार किया गया था। साईं पर जेल अधिकारियों को घूस देने का आरोप लगा था।
35 लोगों के खिलाफ दाखिल किया गया था चार्जशीट
इस मामले में 35 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया था और 53 गवाहों को नारायाण साईं के खिलाफ कोर्ट में पेश किया गया था। आरोपों के अनुसार नारायण साईं ने छोटी बहन का कई बार यौन शोषण 2002 से 2005 के बीच सूरत में रहते हुए किया था। पीड़िता की बड़ी बहन ने ऐसे ही आरोप आसाराम पर लगाये थे।
बड़ी बहन के अनुसार अहमदाबाद में 1997 से 2006 के बीच आसाराम ने उसका यौन शोषण किया। दोनों बहनों ने अलग-अलग अपने केस दर्ज कराये थे। आसाराम जोधपुर में बलात्कार के एक दूसरे मामले में दोषी पाया जा चुका है और वह आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है।
क्या है पूरी घटना की टाइमलाइन-
6 अक्टूबर, 2013: नारायण साईं और चार अन्य लोगों के खिलाफ जहांगीरपुरा पुलिस स्टेशन में केस दर्ज
9 अक्टूबर, 2013: सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया।
25 अक्टूबर, 2013: पुलिस ने अहमदाबाद के आशाराम के आश्रम में छापा मारा, कई दस्तावेज हुए जब्त
16 नवंबर, 2013: नारायण साईं पर 5 लाख के इनाम की घोषणा की गई।
21 नवंबर, 2013: नारायण साईं की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
4 दिसंबर, 2013: नारायण साईं को पंजाब-हरियाणा बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया।