आसाराम पैरोल के लिए दूसरी बार राजस्थान उच्च न्यायालय पहुंचा, अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब देने को कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 16, 2023 12:43 PM2023-09-16T12:43:49+5:302023-09-16T12:45:04+5:30

राजस्थान उच्च न्यायालय ने आसाराम की याचिका स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को शुक्रवार को एक नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब देने को कहा। वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।

Asaram reaches Rajasthan High Court for parole for the second time | आसाराम पैरोल के लिए दूसरी बार राजस्थान उच्च न्यायालय पहुंचा, अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब देने को कहा

आसाराम को उसके आश्रम में एक किशोरी के बलात्कार का दोषी ठहराया गया था

Highlights आसाराम को उसके आश्रम में एक किशोरी के बलात्कार का दोषी ठहराया गया थाआसाराम के पैरोल की अनुरोध वाली अपनी याचिका दूसरी बार खारिज हो गईराहत के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय का रुख किया

जोधपुर: बलात्कार के दोषी और जेल की सजा काट रहे आसाराम ने पैरोल के अनुरोध वाली अपनी याचिका के दूसरी बार खारिज होने के बाद राहत के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय का रुख किया है। आसाराम के वकील ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अदालत ने आसाराम की याचिका स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को शुक्रवार को एक नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब देने को कहा। स्वयंभू बाबा आसाराम को उसके आश्रम में एक किशोरी के यौन उत्पीड़न के मामले में 25 अप्रैल 2018 को दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद से वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। आसाराम के वकील कालू राम भाटी ने कहा कि जिला पैरोल समिति ने उसकी याचिका को इस आधार पर दूसरी बार खारिज कर दिया कि पैरोल पर उसे रिहा किए जाने से कानून-व्यवस्था संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

भाटी ने बताया, ‘आसाराम ने 20 दिन की पैरोल का अनुरोध करते हुए एक याचिका दायर की थी, लेकिन समिति ने पुलिस की नकारात्मक रिपोर्ट का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया।’ अदालत में भाटी ने दलील दी कि आसाराम 11 साल से जेल की सजा काट रहा है और यहां तक कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने भी उसके लिए पैरोल की सिफारिश की है। उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा, जेल में इस पूरी अवधि के दौरान उसका (आसाराम का) व्यवहार संतोषजनक रहा और वह अपनी वृद्धावस्था एवं स्वास्थ्य कारणों से पैरोल पर रिहाई का हकदार है।’

अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा, जिसके बाद न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई और न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ ने उन्हें दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इससे पहले, आसाराम की पैरोल याचिका को समिति ने इस आधार पर खारिज कर दिया था कि वह ‘राजस्थान प्रिजनर्स रिलीज ऑन पैरोल नियम’, 2021 (2021 के नियम) के प्रावधानों के तहत पैरोल का हकदार नहीं है, जिसके बाद स्वयंभू बाबा ने जुलाई में उच्च न्यायालय का रुख किया था।

आसाराम के वकील ने तब दलील दी थी कि यह नियम उनके मुवक्किल पर लागू नहीं होता, क्योंकि इसके क्रियान्वयन से पहले ही उसे दोषी ठहरा दिया गया था और सजा सुनाई गई थी। तब उच्च न्यायालय ने आसाराम की याचिका का निपटारा करते हुए समिति को 1958 के पुराने नियमों के आलोक में उसकी पैरोल याचिका पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया था।

Web Title: Asaram reaches Rajasthan High Court for parole for the second time

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