पटनाः बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध के मामलों पर चिंता जाहिर करते फेसबुक के जरिए अपना क्षोभ प्रकट किया है। उन्होंने लिखा है कि मनचलों से परेशान होकर नालंदा की एक बेटी के आत्महत्या करने की खबर ने अंदर तक झकझोर दिया है।
यह खबर बिहार के सभ्य समाज के मुंह पर एक ज़ोरदार तमाचा है। खुद को सभ्य, शिक्षित और जागरूक बोलने वाले हर नागरिक को इस खबर से शर्मिंदा होकर आत्मचिंतन करना चाहिए। ज्ञान, मोक्ष, तप, त्याग की धरती कहे जाना वाले हमारे बिहार की नीतियों, नैतिकता और शिक्षा का कैसा विध्वंस हो चुका है। न्याय पाने के लिए भी आत्महत्या करनी पड़ रही है!!!
उन्होंने लिखा है कि हमें सोचना चाहिए कि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’ जैसे मूल्यों का ह्रास क्यों होता चला जा रहा है। एक घटना के दोषियों को सजा मिलती भी नहीं है कि किसी अन्य जगह इसकी पुनरावृत्ति हो जाती है। दूसरी तरफ एक समाज के तौर पर हम कुछ मोमबत्तियां जला कर, फेसबुक पर पुलिस प्रशासन को कोसकर अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ लेते हैं और अपने रोजमर्रा के कामों में लग जाते हैं। डॉ जायसवाल ने लिखा कि ज्यादा दिन नहीं बीते जब हमारा समाज एक परिवार की तरह होता था।
पड़ोसी के घरों में कोई घटना होने पर हमारे घरों के चूल्हे जलने बंद हो जाते थे। लेकिन आज ऐसी घटनाएं इसलिए निरंतर घट रही हैं, क्योंकि हम दूसरों के दुःख दर्द को अपना समझना छोड़ते जा रहे हैं। इससे आतताइयों का मनोबल बढ़ता है।
सरकार से महिला सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह करते हुए उन्होंने लिखा कि हमारी सरकार से अपील है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए यूपी के एंटी रोमियो स्क्वाड की तर्ज पर बिहार में भी एक विशेष स्क्वाड का गठन करे, जो इस तरह की शिकायत मिलने पर त्वरित एक्शन ले सके।
यूपी की तर्ज पर प्रदेश भर में पिंक बूथों का भी गठन करना चाहिए, जहां रुक कर महिलाएं किसी वाहन या परिचित का इंतजार कर सके। किसी अन्य प्रदेश में हुई अच्छी पहल को अपनाने में राजनीतिक कारणों से हिचकिचाना नहीं चाहिए।