नागपुर: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नागपुर पुलिस ने अंधविश्वास फैलाने के मामले में क्लीन चिट दे दी है। नागपुर पुलिस की तरफ से कहा गया है कि पुलिस ने कहा है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री वीडियो में अंधश्रद्धा या अंधविश्वास जैसा कुछ नहीं है।
पूरे मामले की जानकारी देते हुए नागपुर के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, "पुलिस ने नागपुर में हुए उनके कार्यक्रम के वीडियो का विस्तृत विश्लेषण किया है। यह निष्कर्ष निकाला गया है कि नागपुर में उनके कार्यक्रम के दौरान कोई अंधविश्वास नहीं फैलाया जा रहा था।"
बता दें कि मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम मंदिर के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों चर्चा में हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने और लोगों को चमत्कार के नाम पर बेवकूफ बनाने का आरोप है। नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन संस्था ने उन पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया था और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। अंध श्रद्धा निर्मूलन संस्था के आरोपों के बाद से ही ये मामला सुर्खियों में है।
अब मामले की जांच के बाद नागपुर पुलिस की तरफ से अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष और शिकायतकर्ता श्याम मानव को लिखित जवाब भेजा गया है। हालांकि पुलिस से क्लीन चिट मिलने के बाद भी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री चर्चाओं में बने हुए हैं। अपने ऊपर लगे आरोपों पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि ये सब कुछ सनातन धर्म पर हमला करने के लिए किया जा रहा है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि उन्होंने जब से सनातन धर्म के लिए घर वापसी का मुद्दा उठाया है तब से आये दिन षड़यंत्र किए जा रहे हैं।
दूसरी तरफ अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव अब भी अपनी बात पर अड़े हुए हैं। नागपुर पुलिस से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को क्लीन चिट मिलने के बाद श्याम मानव ने समाचार चैनल एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा, "पुलिस भले ही आज कह रही हो कि नागपुर में धीरेंद्र कृष्ण महाराज के कार्यक्रम से कोई अंधविश्वास नहीं फैला। किसी भी तरह भूत प्रेत की बात नहीं कही गई लेकिन 2013 के महाराष्ट्र जादू टोना विरोधी कानून के तहत धीरेंद्र कृष्ण महाराज के खिलाफ मामला बनता है और इस बात पर हम आज भी कायम हैं।"