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नागालैण्ड गोलीबारी में शामिल जवानों से पूछताछ करेगी राज्य पुलिस की एसआईटी, सेना ने दी मंजूरी

By विशाल कुमार | Updated: December 29, 2021 14:55 IST

पुलिस के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि नागालैण्ड एसआईटी द्वारा इस सप्ताह पैरा स्पेशल फोर्स 21 के जवानों के बयान दर्ज करने का काम पूरा करने की संभावना है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एसआईटी जवानों से पूछताछ करेगी या वे केवल पहले से तैयार बयान ही जमा करेंगे।

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ठळक मुद्देराज्य में इस महीने की शुरुआत में सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में 14 लोग मारे गए थे।एसआईटी इस सप्ताह पैरा स्पेशल फोर्स 21 के जवानों के बयान दर्ज करने का काम पूरा करेगी।

कोहिमा: नागालैण्ड गोलीबारी मामले की जांच करने के लिए गठित की गई नागालैण्ड के विशेष जांच दल (एसआईटी) को सेना ने घटना में शामिल जवानों की जांच करने और उनका बयान दर्ज करने की मंजूरी दे दी है.

राज्य में इस महीने की शुरुआत में सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में 14 लोग मारे गए थे। 4 दिसंबर को मोन जिले के ओटिंग गांव में सुरक्षा बलों द्वारा किए गए घात लगाकर किए गए हमले में छह कोयला खदान कर्मियों की मौत हो गई थी। इससे बाद में झड़पें हुईं, जिसमें आठ नागरिकों की जान चली गई।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि नागालैण्ड एसआईटी द्वारा इस सप्ताह पैरा स्पेशल फोर्स 21 के जवानों के बयान दर्ज करने का काम पूरा करने की संभावना है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एसआईटी जवानों से पूछताछ करेगी या वे केवल पहले से तैयार बयान ही जमा करेंगे।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि जांच में तेजी लाने के लिए नागालैण्ड एसआईटी को आठ सदस्यों से बढ़ाकर 22 अधिकारियों तक कर दिया गया है. बड़ी टीम में भारतीय पुलिस सेवा के पांच अधिकारी शामिल हैं। एसआईटी को सात टीमों में बांटा गया है।

यह भी साफ नहीं है कि राज्य स्तरीय टीम द्वारा जांच कैसे आगे बढ़ेगी क्योंकि नागालैण्ड सशस्त्र बल (विशेष) अधिकार अधिनियम या आफस्पा के तहत है, जो केंद्र की मंजूरी के बिना सुरक्षा बलों को उत्पीड़न से बचाता है। सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में शामिल सेना की एक अलग टीम पहले से ही नागालैण्ड में है।

सेना की गोलीबारी में 14 लोगों की मौत के बाद आफस्पा को वापस लेने के लिए नगालैंड के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसको देखते हुए केंद्र ने आफस्पा को हटाने की संभावना पर गौर करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है।

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