एक गंभीर मरीज को लेकर हैदराबाद जा रही एयर एंबुलेंस की गुरुवार को मुंबई में इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी। दरअसल एयर एंबुलेंस का एक पहिया नागपुर में टेकऑफ के दौरान टूटकर गिर गया था।
इसके बाद एयर एंबुलेंस को आपातकालीन स्थिति में मुंबई भेजा गया और रात को तकरीबन 9 बजे छत्रपति शिवाजी महाराज हवाईअ अड्डे पर उसकी इमरजेंसी बेली लैंडिंग करवाई गई। विमान मे सवार सभी लोग सुरक्षित हैं। यह विमान जेटसर्फ कंपनी का था। वहीं, रोगी को फेफड़ों में तकलीफ थी पर वह कोविड रोगी नहीं था।
मरीज के साथ एक पैरामेडिकल स्टाफ, एक डॉक्टर और विमान के दो पायलट सवार थे। शाम 5.05 बजे एयर टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) भरवाने के लिए विमान नागपुर के डॉ. बाबासाहब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंड हुआ।
मुंबई में लंबा रनवे होने की वजह से कराई गई इमरजेंसी लैंडिंग
इंधन भरवाने के बाद नागपुर से टैक ऑफ करने के साथ विमान के पिछले दो पहियों में से एक टूट गया। नागपुर एयरपोर्ट में विमान का टूटा हुआ पहिया देख लिया गया, तब तक विमान नागपुर के आकाश में ओझल हो चुका था।
नागपुर एटीएस ने पायलट को इसकी सूचना दी, तो उन्होंमे उसे मुंबई ले जाने का फैसला किया। मुंबई में लंबा रनवे है, इसलिए उसे वहां ले जाने का फैसला हुआ। इसके बाद मुंबई हवाई अड्डे को भी अलर्ट कर दिया गया था।
विमान के पायलट कैप्टन केसरी सिंह थे जो राजस्थान सरकार के पायलट के रूप में काम कर चुके हैं। बेली लैंडिंग कराना अत्यंत कठिन काम होता है लेकिन उन्होंने जान हथेली पर लेकर लैंडिंग करवाई और सफल रहे।
क्या होती है बेली लैंडिंग
विमान का एक पहिया गिर जाने की वजह से उसका लैंडिंग गियर नहीं खुल पाता है। ऐसे में लैंडिंग कराते समय विमान को पेट के बल उतारना पड़ता है। ऐसे में इंधन की वजह से विस्फोट की आशंका होती है।
नागपुर में भी ईंधन भरवाने की वजह से टैंक फुल था। लिहाजा कैप्टन ने इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति मांगी और इंधन खत्म होने तक विमान आसमान में चक्कर काटता रहा। लैंड करने लायक जब थोड़ा ही ईंधन ही बचात तो विमान को लैंडिंग कराया गया।
इसके लिए लगने वाला समय और ईंधन का समीकरण बिल्कुल अचूक होना चाहिए। अनुभवी पायलट होने की वजह से उन्होंने इसे साधा और बिना विस्फोट हुए विमान लैंड करवाया। विमान में मौजूद मरीज को भी उतार लिया गया है। मेडिकल स्टाफ को भी कोई हानि नहीं पहुंची है।