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पीएम की सुरक्षा में अब तैनात हो सकते हैं देशी नस्ल ‘मुधोल हाउंड’ के कुत्ते, एसपीजी में शामिल करने की कवायद, दी जा रही है ट्रेनिंग

By भाषा | Updated: August 22, 2022 08:53 IST

कर्नाटक से कुत्ते की स्वदेशी नस्ल ‘मुधोल हाउंड’ को एसपीजी दस्ते में शामिल किया जा सकता है। एसपीजी ने इस नस्ल के कुत्ते को प्रशिक्षण के लिए चुना है।

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ठळक मुद्देकर्नाटक से कुत्ते की स्वदेशी नस्ल ‘मुधोल हाउंड’ को एसपीजी ने ट्रेनिंग के लिए चुना है।देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की सुरक्षा का जिम्मा संभालने का काम करती है एसपीजी। भारतीय सेना, वायु सेना, केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैन्य बल, डीआरडीओ, पुलिस तथा वन विभाग ले चुके हैं ‘मुधोल हाउंड’ की सेवा।

बेंगलुरु: देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) ने कर्नाटक से कुत्ते की स्वदेशी नस्ल ‘मुधोल हाउंड’ को प्रशिक्षण देने के लिए चुना है, जिससे इसके विशिष्ट बल में शामिल होने की संभावना बढ़ गयी है। एसपीजी ने मुधोल हाउंड में दिलचस्पी दिखायी है और बगलकोट जिले के मुधोल शहर में श्वान अनुसंधान एवं सूचना केंद्र (सीआरआईसी) से एक प्रयोग के तौर पर प्रशिक्षण के लिए दो कुत्तों को चुना है।

पीटीआई के अनुसार सीआरआईसी के निदेशक सुशांत हांडे ने बताया, ‘‘हमें नहीं मालूम कि उनकी (एसपीजी) आवश्यकताएं क्या हैं लेकिन वे प्रदर्शन से खुश हैं।’’ यह पहली बार नहीं है जब सुरक्षा एजेंसियां इस नस्ल से प्रभावित हुई हैं। भारतीय सेना, वायु सेना, केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैन्य बल, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), राज्य पुलिस तथा वन विभाग पहले भी कुछ वक्त के लिए इन कुत्तों की सेवाएं ले चुका है।

हांडे ने कहा, ‘‘अभी तक मिली प्रतिक्रिया बहुत अच्छी है। यह नस्ल भारतीय सेना में परीक्षण पास कर चुकी है। उनका कहना है कि यह नस्ल हिमालयों समेत विषम मौसम परिस्थितियों में भी काम कर सकती है। सेना के अधिकारियों का कहना है कि यह मौसम की सभी परिस्थितियों में जीवित रह सकती है।’’

कर्नाटक पशु चिकित्सा, पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय के निदेशक बी वी शिवप्रकाश ने कहा कि मुधोल हाउंड को बहुत लंबी दूरी से चीजों को देखने की उसकी क्षमता के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस कुत्ते को भागने की उसकी क्षमता, उसके कद और लंबी दूरी से चीजों को देखने की क्षमता के लिए जाना जाता है। किसी अन्य नस्ल से तुलना करने पर, यह किसी भी मौसम में जीवित रह सकता है।’’

शिवप्रकाश ने कहा कि चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मेक इन इंडिया’ अभियान पर जोर दे रहे हैं तो कुत्ते की यह स्वदेशी नस्ल भी ध्यान आकर्षित कर रही है। इस नस्ल को वफादार और शिष्ट माना जाता है। एसपीजी की स्थापना 1985 में हुई थी और यह प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा मुहैया कराती है।

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