गांधीनगर:सोशल मीडिया पर डॉ हसन सफीन नामक एक शख्स का एक ट्वीट खूब वायरल हो रह है। इस ट्वीट में उन्होंने दावा किया है कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात के मोरबी अस्पताल की यात्रा के दौरान मरीज की पट्टी को बड़ी पट्टी या यह कह ले कि पलास्टर के रूप में बदल दिया गया है।
ऐसे में इस ट्वीट के वायरल होने के बाद इस पर गुजरात स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के तरफ से सफाई भी दी गई है। इसे लेकर विभाग ने यह कहा है कि इस तरह के ट्वीट के जरिए जनता को गुमराह किया जा रहा है।
दरअसल, गुजरात के मोरबी में हुए हादसे के बाद पीएम मोदी ने मंगलवार को वहां का दौरा किया था। इस दौरान वे घायल मरीजों में मिलने के लिए मोरबी के अस्पताल भी गए थे। ये ट्वीट में इस बारे में ही बोला गया है।
क्या है पूरा मामला
ट्विटर पर डॉ हसन सफीन नामक एक शख्स ने ट्वीट कर यह दावा किया है कि गुजरात के मोरबी में पुल गिर जाने वाले हादसे में घायल एक शख्स के पैरों में पहले केवल एक पट्टी लगी थी। लेकिन यही पट्टी को एक नवंबर को यानी जिस दिन पीएम मोदी ने इस उस अस्पताल का दौरा किया था, उस दिन इसे एक बड़ी पट्टी या यह कह ले कि पलास्टर के रूप बदल दिया गया था।
उन्होंने इस घटना के दो फोटो भी शेयर किए है जिसमें 31 अक्टूबर को वह शख्स पट्टी में दिख रहा है वहीं एक नवंबर को उस शख्स के पैरों में बड़ी पट्टी लगी दिख रही है। यह पट्टी घुटने के ऊपर से लेकर पैर के नीचे तक लगाई गई है। ऐसे में सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि इस छोटी सी पट्टी को पलास्ट के समान पट्टी कर दी गई है।
गुजरात स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने क्या सफाई दी है
सोशल मीडिया पर किए गए इस दावे को लेकर गुजरात स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने सफाई दी है। विभाग ने ट्वीट कर कहा है कि हालात और आवश्यकता को देखते हुए मोरबी सिविल अस्पताल ने यह फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि मरीज के हालत को देखते हुए अस्पताल के सक्षम हड्डी रोग विशेषज्ञ बड़ी पट्टी लगाई है।
विभाग ने आगे कहा कि अगर संबंधित डॉक्टरों को ऐसा लगता है कि मरीज के इलाज में यह बदलाव किए जा सकते है तो ऐसे में हालात को देखते हुए अतिरिक्त बैंडिंग/अतिरिक्त स्प्लिंटेज किया जा सकता है। ऐसे में डॉक्टरों द्वारा पट्टी को बदली गई है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
लोगों को किया जा रहा है गुमराह- विभाग
डॉ हसन सफीन ने यह ट्वीट न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा पोस्ट किए गए फोटो ट्वीट के आधार पर की है जिसमें पीएम मोदी के अस्पताल के दौरे के दौरान मरीज को दिखाया गया है। इस ट्वीट को गुजरात स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने गुमराह करने वाला ट्वीट बताया है और कहा है कि इस तरीके के ट्वीट से जनता को गुमराह किया जा रहा है।