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जानिए कौन है मीट कारोबारी मोईन कुरैशी जिसकी वजह से CBI के तीन निदेशकों के करियर पर लगा ग्रहण

By आदित्य द्विवेदी | Updated: October 26, 2018 08:18 IST

भारतीय जांच एजेंसियों में कोहराम मचाने वाले मोईन कुरैशी को रामपुर के लोग एक मिलनसार कारोबारी ही मानते हैं। जानें क्यों चर्चा में रहे हैं मीट कारोबारी मोईन कुरैशी।

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देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच घमासान के बाद दोनों को छुट्टी पर भेज दिया गया है। सीबीआई के ताजा विवाद का कारण भी मीट कारोबारी मोईन अख्तर कुरैशी बना। वही मोईन कुरैशी जिसकी वजह से पहले भी सीबीआई के दो निदेशक विवादों में फंस चुके हैं। इनके नाम हैं रंजीत सिन्हा और एपी सिंह। इस लिस्ट में तीसरा नाम आलोक वर्मा का जुड़ गया है।

आखिर कौन है मीट कारोबारी मोईन कुरैशी जिसने सीबीआई के तीन निदेशकों के करियर पर ग्रहण लगा दिया। ताजा सीबीआई विवाद से उसका क्या कनेक्शन है? रामपुर के एक बूचड़खाने से कैसे बना भारत का करोड़पति मीट एक्सपोर्टर।

रामपुर से बिजनेस की शुरुआत

देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश का एक छोटा कस्बा रामपुर। यहीं के ऊंची चौपाल मोहल्ले में मुंशी अब्दुल मजीद की कोठी में मोइन कुरैशी पैदा हुआ। उसने रामपुर में ही 1993 में एक छोटा सा बूचड़खाना खोला। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसके पास देशभर में 25 से ज्यादा कंपनियां हैं और उसका शुमार करोड़पति मीट कारोबारियों में होता है।

पिछले 25 सालों के दौरान उसने कंस्ट्रक्शन और फैशन इंडस्ट्री में भी कदम रखा है। कुरैशी का नाम सबसे पहले साल 2014 में सामने आया था। उस पर इनकम टैक्स विभाग ने कार्रवाई की थी। उस दौरान कुरैशी  के सीबीआई निदेशकों रंजीत सिन्हा और एपी सिंह से नजदीकियों का खुलासा हुआ था।

सीबीआई निदेशकों के लिए उगाही?

कुरैशी के खिलाफ जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी चार्जशीट में लिखा था कि कारोबारी कुरैशी रंजीत सिन्हा और एपी सिंह के लिए आरोपियों से पैसों की उगाही किया करता था। एपी सिंह रंजीत सिन्हा से पहले सीबीआई निदेशक थे।

कुरैशी जैसे दलाल की शीर्ष अधिकारियों से सांठगांठ सीबीआई के इमेज पर गंभीर धब्बा माना गया। कुरैशी पर टैक्स चोरी से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार तक के आरोप शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने भी तत्कालीन सीबीआई निदेशक सिन्हा को आरोपी और संदिग्धों से मिलने पर फटकार लगाई थी। इन आरोपों की वजह से सिन्हा को अपना पद छोड़ना पड़ा था।

एपी सिंह को भी कुरैशी से संपर्क की वजह से अपना पद छोड़ना पड़ा था। ये बात हैरान करती है कि सीबीआई के दो पूर्व निदेशकों को मुश्किल में डालने के बावजूद कुरैशी की पैठ सीबीआई में वैसी ही बनी हुई है।

यहां देखें मोईन कुरैशी पर लोकमत न्यूज का स्पेशल पैकेज-

सीबीआई पर पैठ कायम

केंद्र सरकार ने सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया।  सीबीआई चीफ पर आरोप है कि उन्होंने कुरैशी मामले की जांच में राहत देने के लिए कारोबारी सना से 2 करोड़ रुपये घूस ली है जबकि अस्थाना पर 3 करोड़ रुपये की घूस लेने का मामला दर्ज है।

फिलहाल एम नागेश्वर सीबीआई के अंतरिम निदेशक की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। दूसरी तरफ भारतीय जांच एजेंसियों में कोहराम मचाने वाले मोईन कुरैशी को रामपुर के लोग एक मिलनसार कारोबारी ही मानते हैं।

टॅग्स :सीबीआईआलोक वर्माराकेश अस्थाना
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