मोदी सरकार ने शुरू की आपराधिक कानूनों में संशोधन की प्रक्रिया, सभी क्षेत्रों से मांगे सुझाव
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 23, 2022 10:18 PM2022-03-23T22:18:04+5:302022-03-23T22:26:14+5:30
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने राज्यसभा में जानकारी दी कि दंड कानूनों में होने वाले संशोधन के लिए गृह मंत्रालय ने राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों, भारत के चीफ जस्टिस, सभी हाईकोर्ट के चीफ मुख्य जस्टिस के अलावा बार काउंसिल ऑफ इंडिया से सुझाव मांगे गये हैं।
दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्य सभा में बुधवार को सदन को जानकारी दी कि आपराधिक कानूनों में व्यापक बदलाव करने के उद्देश्य से सरकार भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम जैसे कानूनों में संशोधन की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है।
इस संबंध में सदन के सदस्यों को जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने दंड कानूनों में होने वाले संशोधन के लिए गृह मंत्रालय ने राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों, भारत के चीफ जस्टिस, सभी हाईकोर्ट के चीफ मुख्य जस्टिस के अलावा बार काउंसिल ऑफ इंडिया से सुझाव मांगे गये हैं।
इसके अलावा मंत्रालय ने आपराधिक कानूनों में व्यापक संशोधन के संबंध में विभिन्न राज्यों के बार काउंसिल, विभिन्न विश्वविद्यालयों और कानूनी संस्थानों के अलावा सभी सांसदों से भी सलाह मांगी है।
गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने सदन को बताया कि गृह विभाग की संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 146वीं रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि देश की आपराधिक न्याय प्रणाली की व्यापक समीक्षा की जरूरत है।
इससे पहले संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 111वीं और 128वीं रिपोर्ट में भी संबंधित अधिनियमों में टुकड़ों में संशोधन लाने के बजाय संसद में एक व्यापक कानून पेश करके देश के आपराधिक कानून में सुधार और तर्कसंगत बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया था।
गृह राज्य मंत्री मिश्रा ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, "देश के आपराधिक कानूनों में व्यापक बदलाव करने के लिए सरकार ने भारतीय दंड संहिता में शामिल 1860 जैसे आपराधिक कानूनों में व्यापक संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 में उल्लिखित प्रावधानों पर विचार करने के लिए सभी प्रबुद्धजनों से परामर्श मांगे गये हैं।"
गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा कि आपराधिक कानूनों में सुधार के सुझाव के लिए दिल्ली के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया गया है। उन्होंने कहा, "सरकार समिति की सिफारिशों और सभी प्रबुद्ध वर्गों से मिले सुझावों को ध्यान में रखते हुए आपराधिक कानूनों में व्यापक बदलाव वाले के लिए प्रतिबद्ध है।"